प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को उनके राष्ट्र की सुरक्षा में अहम योगदान को देखते हुए कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया। अजित डोभाल अगले 5 साल तक अपने एनएसए पद पर बने रहेंगे

मोदी सरकार ने NSA अजित डोभाल को दिया गया कैबिनेट मंत्री का दर्जा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को उनके राष्ट्र की सुरक्षा में अहम योगदान को देखते हुए कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया। अजित डोभाल अगले 5 साल तक अपने एनएसए पद पर बने रहेंगे।

‘अजित डोभाल’ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में भी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर थे। गौरतलब है अजित डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल को कुछ महीने पहले ही जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। सूत्रों के अनुसार शौर्य डोभाल को संभावित खतरों को देखते हुए इस तरह की सुरक्षा दी गई है।

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, केंद्रीय एजेंसियों द्वारा तैयार सुरक्षा आकलन रिपोर्ट के बाद शौर्य डोभाल को केंद्रीय अर्धसैनिक बल के ‘मोबाइल सुरक्षा कवर’ के तहत लाया गया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शौर्य डोभाल और उनके पिता अजित डोभाल को कुछ विरोधी ताकतों से खतरा है। अजित डोभाल को सीआईएसएफ (CISF) द्वारा जेड प्लस की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। एनएसए अजित डोभाल को करीब चार साल पहले सुरक्षा कवर के तहत लाया गया था।

आपको बता दे, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने श्रीलंका सहित कई देशों में राष्ट्र सुरक्षा हित में काम किया है। अजित डोभाल की भूमिका ‘बालाकोट एयर स्ट्राइक’ में भी अहम रही है। सूत्रों के अनुसार,बालाकोट में आतंकी ठिकानों का ब्लूप्रिंट तैयार करने और हवाई हमले को अंजाम देने में भी अजित डोभाल निभाई है। हालांकि पुलवामा में हुए सीआरपीएफ के जवानों पर आत्मघाती हमले में अजित डोभाल और सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल उठे थे। इस हमले में सीआरपीएफ (CRPF) के 40 से भी ज्यादा जवान शहीद हुए थे।


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