क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर और उनके बचपन के दोस्त विनोद कांबली ने अपने क्रिकेट करियर की एकसाथ शुरुआत की थी। एक तरफ सचिन तेंदुलकर आज करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं तो दूसरी तरफ विनोद कांबली जीवनयापन करने के लिए पाई पाई के लिए मोहताज हैं। जिसकी वजह वह कुछ हद तक खुद हैं।
1990 के दशक में बेहद प्रतिभाशाली माने जाने वाले विनोद कांबली आज तंगहाली की जिंदगी जी रहे हैं। वह नौकरी के लिए भी गुहार लगा रहे हैं। उनका गुजारा BCCI द्वारा दी जाने वाली पेंशन से बड़ी मुश्किल से चल रहा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड उन्हें 30 हजार रूपये प्रतिमाह पेंशन दे रहा है। इसके बावजूद विनोद कांबली को अपना गुजारा चलाना मुश्किल हो रहा है।
मिड-डे की रिपोर्ट
विनोद कांबली ने मिड-डे को दिए गए अपने इंटरव्यू में कहा कि उन्हें क्रिकेट से जुड़े किसी काम की तलाश है। जिससे वह अपना गुजारा चला सकें। वह अपने घर के आसपास ही मुंबई क्रिकेट संघ से में काम मांग रहे हैं।
इससे पहले वर्ष 2019 में वह मुंबई टी 20 लीग में कोच के पद पर काम कर रहे थी। लेकिन कोरोनावायरस महामारी के कारण उसने ये काम भी छिन गया था। जिसके बाद सचिन तेंदुलकर ने उन्हे मुंबई के नेरुल में एमजी अकादमी में कोच का काम दिलाया था। लेकिन नेरुल उनके घर से 30 किलोमीटर दूर है और हर रोज इतना लंबा सफर करना उनके लिए थकाने वाला काम था।
पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली ने मिड डे को बताया ,” मैं हर रोज सुबह पांच बजे उठता था और कैब लेकर डीवाई पाटिल स्टेडियम जाता था। यह मी लिए एक थकने वाला काम था। उसके बाद में शाम को बीकेसी मैदान पर कोचिंग सिखाता था। मैं एक रिटायर्ड क्रिकेटर हूं। मैं बीसीसीआई से मिलने वाली पेंशन पर पूरी तरह से निर्भर हूं। इसी से मेरे परिवार का गुजारा होता है। ”
सचिन के बारे में कही ये बात
सचिन तेंदुलकर को मेरे बारे में सबकुछ पता है। लेकिन अब मैं उनसे कोई उम्मीद नहीं कर रहा हूं। उसने मुझे TMGA में काम दिलाया था। मैं बहुत खुश था। वो मेरा बहुत अच्छा दोस्त है। उसने मेरा सदा साथ दिया है। ”
करियर की शुरुआत
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली ने आजाद स्टेडियम से एक साथ क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। दोनों ने 1998 में हैरिश शील्ड स्कूल टूर्नामेंट में 664 रन की साझेदारी वाली पारी खेलकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था।
2011 में सन्यांस लिया
कांबली ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत 1991 में की थी। उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी मैच 2000 में खेला था। उन्होंने 7 टेस्ट मैचों में 793 रन बनाए थे। जिसमें उनका औसत 100 से भी अधिक का था। विनोद कांबली ने कुल 17 टेस्ट मैच और 104 एकदिवसीय मैच खेले। उन्होंने दोनों फॉर्मेट में 3561 रन बनाए। लेकिन इसके बावजूद भी वह टीम इंडिया में अपनी जगह बरकरार नहीं रख पाए। कांबली ने 2011 में क्रिकेट से सन्यांस लेने की घोषणा की थी।