फिल्म मेकर सुजीत सरकार की महत्वाकांक्षी फिल्मों में से सरदार उधम एक शानदार फिल्म है। निर्देशक सरकार ने 20 साल पहले इस फिल्म को बनाने का विचार किया था। बात उस समय की है जब वह दिल्ली से मुंबई पहुंचे थे। तभी उन्होंने इस फिल्म को बनाना चाहा था। लेकिन फंड की कमी के चलते सरदार उधम को बनाने के लिए उन्हें 20 साल लग गए। फिल्म निर्माता सुजीत सरकार पहले इस फिल्म में बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान को लेना चाहते थे। इरफान खान का कैंसर के कारण निधन हो गया था। जिसकी वजह से विकी कौशल ने उनको रिप्लेस किया है ।
फिल्म सरदार उधम की कहानी
सरदार उधम फिल्म की कहानी सत्य घटना पर आधारित है। 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद सरदार उधम सिंह ने कसम खाई थी कि वह इसका बदला जरूर लेंगे। फिल्म की कहानी इसी घटना पर आधारित है। यह एक ऐसे क्रांतिकारी की कहानी है जो एक दिल में देशभक्ति का जज्बा लिए हुए विलेन तक बन जाता है। जिसकी वजह से उधम सिंह ने अपना सब कुछ खो दिया लेकिन उन्होंने अपनी कसम पूरी की।
सरदार उधम सिंह के बारे में लगभग सभी ने किताबों में पढ़ा है। शायद ही कभी इतनी गहराई से बताया गया है जितना फिल्म में दर्शाया गया है। सरदार उधम सिंह का किरदार निभा रहे उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक अभिनेता विक्की कौशल एक युवा लड़का है। जिसने दुनिया के सबसे क्रूर तम नरसंहारों में से एक को अपनी आंखों से देखा था। जलियांवाला बाग घटना के बाद उसके दिमाग में इतना आघात पहुंचा कि उसका उद्देश्य है एक रह गया था जो कि जनरल डायर की हत्या करना।
हर अभिनेता ने निभाया दमदार किरदार
खलनायक का रोल कर रहे ने जनरल डायर के दमदार भूमिका निभाई है। फिल्म देखने के बाद उसके द्वारा निभाए गए सीन भी दिमाग में एक छाप छोड़ते हैं। चाहे उसका भाषण हो या वह अपनी हवेली में स्कॉच व्हिस्की पीते हुए हजारों लोगों की हत्या का बचाव करना हो। ऐसे कई अवसर आते हैं जब फिल्म देखते हुए आप का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है।
फिल्म के आखिरी भाग में माइकल ओ डायर को देखते हुए नफरत होने लगती है। फिल्म के आखिरी 1 घंटे में उधम सिंह की वीरता की कहानी छा जाती है । फिल्म मेकर सुजीत सरकार आपको पूरे 60 मिनट के चल चित्र के माध्यम से सीट पर बैठे रहने पर मजबूर करते हैं। हालांकि बहुत से दर्शक ऐसे भी होंगे जो इस बात से सहमत नहीं हो सकते हैं।
फिल्म के सेट पर देखी गई कई बारीकियां।
हॉलीवुड की थ्रिलर और वॉर फिल्मों में की तुलना अक्सर बॉलीवुड फिल्मों से की जाती है। ऐसे में फिल्म मेकर आप को बांधे रखने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। पिछले 15 सालों में यह उनकी पहली पीरियड फिल्म है। भगत सिंह का रोल निभा रहे अमोल पाराशर लाहौर के डीएवी कॉलेज से पढ़े लड़के की बजाय जेएनयू स्टूडेंट्स की तरह ज्यादा लग रहा था। हो सकता है यह जानबूझकर किया गया हो।
बॉलीवुड मूवी उधम सिंह के सेट पर बारीकी से काम किया गया। जिसमें साल 1933 से लेकर 1940 के इंग्लैंड को फिर से बनाया गया। लंदन का सेट, विंटेज एंबुलेंस, डबल डेकर बस ,पुलिस की गाड़ियां, हाई हील्स के साथ दौड़ती हुई महिलाएं सब कुछ प्रमाणिकता का एहसास कराता है।
विकी कौशल का जबरदस्त अभिनय
अभिनेता विकी कौशल के टैलेंट का फिल्म में अहम रोल है। यह उनके करियर का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। हालांकि पूरी फिल्म में उनकी भूमिका को काफी सराहा गया। एक जासूस के रूप में रहस्य से भरे लंदन की सड़कों पर चलता हुआ युवक, एक क्रांतिकारी लेकिन अमृतसर के 19 साल के लड़के के रूप में वह सबसे प्रभावशाली दिखाई देते हैं।
सुजीत सरकार अपने दौर के सबसे बेहतरीन फिल्म निर्माताओं में से एक हैं। जिंदगी के हर छोटे-बड़े पलों को दिखाना हो या किसी खिलाड़ी या नेता की बायोपिक फिल्म बनाना हो, उन्होंने हर बार एक अलग प्रयोग किया जो सफल रहा।
रिलीज डेट : 16 अक्टूबर 2021
निर्देशक: सुजीत सरकार
निर्माता : रॉनी लाहिरी , शीतल कुमार
कास्ट : विक्की कौशल ,बनिता संधू ,अमोल पराशर ,स्टीफन होगन
रेटिंग :****