सर्वोच्च अदालत ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी पूरे विवाद को समझेगी और अदालत को उसकी रिपोर्ट देगी।
कोर्ट ने कृषि कानूनों पर अगले आदेश तक लगाई रोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के अमल पर सर्वोच्च अदालत ने रोक लगा दी है ।चीफ जस्टिस आफ इंडिया एस ए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कानूनों पर रोक लगाई। अदालत ने एक कमेटी का भी गठन कर दिया है। जो सरकार और किसानों के बीच कानूनों पर जारी विवाद को समझेगी और सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
केंद्र सरकार ने जिन तीन कृषि कानूनों को पारित किया है। उनका लंबे समय से किसान विरोध कर रहे हैं। किसान दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में बैठे हैं। जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट के पास जा पहुंचा।
कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं किसान
पिछले 48 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। अलग-अलग बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान आंदोलन कर रहे हैं। जिनमें बुजुर्ग और महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। अब तक आंदोलन कर रहे 60 से भी ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। जिनमें से कुछ ठंड से अपनी जान गवा बैठे हैं तो कुछ ने आत्महत्या कर ली है।
कृषि कानूनों कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच में 8 बार बातचीत हो चुकी है। लेकिन बेनतीजा रही। किसानों की मांग है कि वे तीनों कृषि कानूनों को रद्द करें। जबकि सरकार चाहती है कि इन में बदलाव कर अमल में लाया जाए। एक तरफ किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं कि कृषि कानून वापिस लिया जाये और दूसरी तरफ सरकार इन कानूनों के फायदे समझाने की कोशिश कर रही है।
अदलात ने किया कमेटी का गठन
बता दे मंगलवार के दिन हुई सुनवाई में किसानों ने कमेटी का विरोध किया और कमेटी के सामने ना पेश होने को कहा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि अगर मामले का हल निकालना है तो कमेटी के सामने पेश होगा।
ऐसे में मामले को कमेटी के सामने उठाया जाएगा साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि कमेटी कोई मध्यस्थता करने का काम नहीं करेगी बल्कि निर्णायक भूमिका निभाएगी।
सर्वोच्च अदालत द्वारा गठन की गई कमेटी में कुल 4 सदस्य होंगे। जिनमें भारतीय किसान यूनियन के भूपेंद्र सिंह मान, डॉ प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी जो कि कृषि विशेषज्ञ हैं और अनिल घनवंत है। यह कमेटी अपनी रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट को सौंप देगी। जब तक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आती तब तक तीनों कृषि कानूनों पर स्टे जारी रहेगा।
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