गुजरात के राजकोट जिला से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। दस साल से अंधेरे कमरे में कैद तीन भाई बहनों को ‘साथी सेवा ग्रुप’ एनजीओ ने छुड़ाया।
राजकोट में 30 से लेकर 42 वर्ष की उम्र के अच्छे पढ़े लिखे तीन भाई-बहनों को एक एनजीओ ने छुड़ाया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार,अमरीश मेहता (42) मेघना मेहता (39) और भावेश मेहता (30) को ‘साथी सेवा ग्रुप’ एनजीओ ने एक बंद कमरे से छुड़ाया है। जिस समय एनजीओ ने बंद कमरे में प्रवेश किया,उस समय तीनों फर्श पर सोए हुए थे।बताया जा रहा है कि तीनों मानसिक रूप से बीमार हैं।
उनके पिता के अनुसार, तीनों भाई बहनों ने खुद को अपनी मां की मृत्यु के बाद खुद को कमरे में बंद कर लिया था,जबकि स्थानीय लोगों के अनुसार,उनके पिता अंधविश्वासी हैं और उन्होंने अपने बच्चों को काले जादू से बचाने के लिए कमरे में छुपा दिया था।
इन तीनों को साथी सेवा समूह एनजीओ जोकि बेघरों की मदद करता है ने गुजरात के पॉश किशनपारा इलाके से छुड़ाया।
एनजीओ ने सुचना मिलने पर घर का दरवाजा तोडा और पाया कि तीन भाई बहन अंधेरे कमरे के फर्श पर सो रहे थे। उनके पास अंग्रेजी अख़बार और बासी भोजन भी बिखरा हुआ था। तीनों गंभीर रूप से कुपोषित और उलझी हुई दाढ़ी और बालों की हालत में मिले थे। न्यूज़ एवं फोटो क्रेडिट:इंडिया टुडे ।