Vinesh Phogat ने कुश्ती को कहा अलविदा। पेरिस ओलंपिक 2024 के फाइनल मुकाबले में डिस्क्वालिफाई होने से आहत होकर विनेश फोगाट ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए अपने कुश्ती करियर को छोड़ने का एलान किया है।
विनेश फोगाट को बुधवार के दिन 50 किलोग्राम महिला कुश्ती के गोल्ड मेडल मैच से पहले 100 ग्राम अधिक वजन के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
अपने रिटायरमेंट की घोषणा करते हुए विनेश फोगाट ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा , ” मां कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई। माफ़ करना। आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके हैं। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024 . आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। माफी। ”
भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने अपनी प्रतिद्वंदी के खिलाफ सेमीफाइनल का मुकाबला 5-0 से जीता था। इसके बाद वह ओलंपिक के फाइनल के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई थीं।
हालांकि , केवल 100 ग्राम अधिक वजन के कारण उन्हें फाइनल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। जिसके बाद उन्होंने Court Of Arbitration for Sport में अपील की थी। अपनी अपील में उन्होंने कहा था कि इस इवेंट के लिए उन्हें सिल्वर मेडल दिया जाना चाहिए।
29 वर्षीय हरियाणवी महिला पहलवान तीन बार की ओलंपियन हैं। उन्होंने तीन खेलों में तीन अलग अलग भार वर्ग की श्रेणियों में पर्तिस्पर्धा की।
उन्होंने 2016 के रियो ओलंपिक में महिला कुश्ती के 48 किलोग्राम भार वर्ग में हिस्सा लिया था। उन्होंने टोक्यों ओलंपिक 2020 में 53 किलोग्राम महिला कुश्ती में में भाग लिया था। इस बार,2024 में पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किलोग्राम भर वर्ग में हिस्सा लेकर एक के बाद विश्व की दिग्गज तीन महिला पहलवानों को अलग अलग इवेंट में हराकर फाइनल में प्रवेश किया था।
धाकड़ छोरी ने 2014,2018 और 2022 में हुए तीन कामनवेल्थ गेम्स में अलग – अलग भर वर्ग में तीन गोल्ड मेडल जीते हैं।
2018 में गोल्ड मेडल जीतने के बाद एक ही वर्ष में राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं। उन्होंने 2019 और 2022 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक भी जीते।
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पेरिस ओलंपिक्स 2024 के मुकाबले में विनेश फोगाट ने उस समय इतिहास रच दिया था, जब उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले में क्यूबा की महिला पहलवान गुजमान लोपेज को 5-0 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। वह ओलंपिक में ऐसा कारनामा करने वाली पहली महिला महिला पहलवान बनीं थीं।
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