नवंबर महीने की शुरुआत Karva Chauth से होगी और Dussehra से लेकर Diwali और Chhath Mahaparva तक मनाये जाएंगे। जानिए इस साल के त्योहारों की तिथियां और शुभ मुहूर्त।
भारत को त्योहारों का देश भी कहा जाता है। भारत में हर दिन कोई न कोई छोटा या बड़ा त्योहार होता है। देश के अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग त्योहार मनाए जाते हैं। अगले हफ्ते शुरू होने वाले अक्टूबर महीने की शुरूआत शरद नवरात्रों के पर्व के साथ होगी। एक अक्टूबर को करवा चौथ का त्योहार है। अगले महीनों से करवा चौथ, धनतेरस,दशहरा ,दिवाली भाई दूज, गोवर्धन पूजा और छठ महापर्व मनाए जाएंगे।
अक्टूबर में त्योहार
- 2 अक्टूबर : गांधी जयंती
- 15 अक्टूबर : शरद नवरात्रे और महाराजा अग्रसेन जयंती
- 22 अक्टूबर :दुर्गा अष्टमी
- 24 अक्टूबर : दशहरा
- 28 अक्टूबर : शरद पूर्णिमा और भगवान बाल्मीकि जयंती
नवंबर महीने के त्योहार
- 1 नवंबर : करवा चौथ
- 5 नवंबर : अहोई अष्टमी
- 10-11 नवंबर : धन त्रयोदशी ( धनतेरस )
- 12 नवंबर : दिवाली
- 13 नवंबर : गोवर्धन पूजा
- 15 नवंबर : भाई दूज
- 17 नवंबर : छठ महापर्व
- 27 नवंबर : कार्तिक पूर्णिमा
दशहरा
भारत में दशहरा का त्योहार बड़ी धूम धाम से मनाया जाता। इसे विजय दशमी भी कहते हैं। देश भर में दशहरा के अवसर पर बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में रावण रावण के पुतले जलाये जाते हैं।
करवा चौथ
करवा चौथ के दिन सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस साल करवा चौथ का त्योहार 1 नवंबर को बुधवार के दिन मनाया जाएगा।
धनतेरस का त्योहार
धनतेरस का त्योहार 10 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन धन के देवता कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यह पर्व धन और समृद्धि के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।
दिवाली का पर्व
दिवाली और नरक चतुर्दशी एक दिन मनाई जाएंगी। ये दोनों त्योहार 12 नवंबर को मनाए जाएंगे। दिवाली के दिन धन की देवी लक्ष्मी और भाग्य के देवता गणेश जी की पूजा की जाती है। इस त्योहार पर दीये जलाये जाते हैं। दिवाली के अगले दिन ही गोवर्धन का पर्व मनाया जाता है।
भाई दूज का त्योहार
भाई दूज का त्योहार 15 नवंबर को मनाया जाएगा। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं। भाई-बहन के त्यौहार पर कमल की पूजा की जाती है।
छठ महापर्व
छठ महापर्व 17 नवंबर शुरू होगा और 20 नवंबर को खत्म होगा। चार दिन चलने वाला छठ के पर्व में 19 नवंबर को डूबता हुए सूर्य और 20 नवंबर को उगते हुए सूरज को अर्ध्य दिया जाएगा। इस पर्व में सूर्य देव की पूजा की जाती है।