Hathras stampede: उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के पद से इस्तीफा देकर धर्म प्रचारक बने सूरज पाल सिंह की उम्र 58 वर्ष है। भोले बाबा के नाम से मशहूर सिंह हाथरस से लगभग 62 किलोमीटर दूर कासगंज जिले के बहादुर नगर गांव का रहने वाला है।
मंगलवार को हाथरस में सत्संग का आयोजन करने वाले स्वयंभू उपदेशक नारायण साकार विश्व हरी या भोले बाबा बनने से पहले वह यूपी पुलिस में कांस्टेबल के पद पर था। सूरज पाल सिंह ने नब्बे के दशक में उत्तर प्रदेश पुलिस से इस्तीफा देकर बाबा बनने का फैसला लिया।
हाथरस में भगदड़ का दौरा करने वाले एक पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया,” लगभग एक दशक तक यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर सेवा करने के बाद सूरज पाल सिंह ने नौकरी छोड़ दी। उनकी आखिरी पोस्टिंग आगरा में थी। ”
कौन हैं भोले बाबा ?
सूरज पाल सिंह उर्फ़ भोले बाबा शादीशुदा है और वह निसंतान है। उसने पुलिस से इस्तीफा देने के बाद खुद का नाम भोले बाबा रखा। उसकी पत्नी को माताश्री के नाम से जाना जाता है। बहादुर नगर निवासी जफर अली ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि भोले बाबा संपन्न परिवार से था। वह तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर था। उसके बड़े भाई की कुछ साल पहले बीमारी के कारण मौत हो गई थी। उसका छोटा भाई राकेश एक किसान है और परिवार के साथ गांव में रहता है।
गांव में आश्रम बनाया
अली ने बताया,” सूरजपाल सिंह ने गांव में 30 बीघा जमीन पर एक आश्रम बनाया था। धीरे धीरे उसके अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी। यूपी के कई जिलों से लोग उनका आशीर्वाद लेने आने लगे। यहां तक कि दूसरे राज्यों से भी लोग आश्रम में आते थे। दूसरे जिलों और राज्यों से आए हुए लोगों को आश्रम में आवास उपलब्ध करवाया जाता था।
अब राजस्थान में रहता है सूरजपाल सिंह
गांव के एक निवासी के अनुसार,सूरज पाल सिंह ने पांच साल पहले ही गांव छोड़ दिया था। वह अब राजस्थान में रह रहा है। पिछले साल ही उन्होंने अपनी गांव की संपत्ति को एक ट्रस्ट को सौंप दिया था। आश्रम की देखभाल एक प्रबंधक करता है।
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