केंद्र सरकार ने उन अटकलों को खारिज कर दिया है ,जिनमें ये कहा जा रहा था कि 2000 रुपए के नोट दोबारा बंद होंगे। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार के दिन प्रश्नकाल के दौरान ऐसी अटकलों को ख़ारिज करते हुए कहा ,” असली भावना अब बाहर अब गई है।”
2000 rupee के नोटों को बंद करने के सिलसिले में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा,” असली भावना अब बाहर आ गई है। जो चिंता व्यक्त की गई,मुझे लगता है कि आप ऐसी चिंता मत कीजिए। ” इससे पहले समाजवादी पार्टी के विशंभर प्रसाद निषाद ने कहा था कि 2000 रुपए का नोट चलाए जाने से काला धन बढ़ा है। सपा नेता ने सवाल किया था कि क्या 2000 रुपए के नोट बंद किए जा रहे हैं और उनकी जगह 1000 रुपए के नोट चलाए जाएंगे।
प्रश्नकाल के दौरान अनुराग ठाकुर ने कहा कि नोटबंदी करना देश की अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी फैसला था। इससे न सिर्फ मुद्रा की मात्रा बढ़ी है बल्कि जाली मुद्रा पर भी रोक लगी है। इससे डिजिटल भुगतान में भी इजाफा हुआ है। वित्त राज्य मंत्री ने एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि 8 नवंबर 2016 पांच कारणों की वजह से 1000 और 500 रुपए के नोट वैध मुद्रास्वरूप को समाप्त करने का निर्णय लिया गया था।
‘अनुराग ठाकुर’ ने कहा कि जाली नोटों की समस्या से निपटने ,काले धन को खत्म करने ,आतंकवाद की जड़ के वित्तपोषण को खत्म करने अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को औपचारिक में रूपान्तरित करने और ‘डिजिटलाइजेशन’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया।