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योगेश राज,बुलंदशहर हिंसा का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

नई दिल्ली:बुलंदशहर घटना के मुख्यारोपी योगेश राज को यूपी पुलिस ने किया गिरफ्तार। खुर्जा से हुई गिरफ्तारी। दिसंबर 3 , 2018 को यूपी के स्याना इलाके में गौकशी के विरोध में हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक युवक सुमीत कुमार की हत्या कर दी गई थी।

योगश राज एक महीने से था अंडरग्राउंड। उत्तर प्रदेश के खुर्जा से किया गया गिरफ्तार।

नई दिल्ली:बुलंदशहर घटना के मुख्यारोपी योगेश राज को यूपी पुलिस ने किया गिरफ्तार। खुर्जा से हुई गिरफ्तारी। दिसंबर 3 , 2018 को यूपी के स्याना इलाके में गौकशी के विरोध में हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक युवक सुमीत कुमार की हत्या कर दी गई थी।

नई दिल्ली:बुलंदशहर घटना के मुख्यारोपी योगेश राज को यूपी पुलिस ने किया गिरफ्तार। खुर्जा से हुई गिरफ्तारी। दिसंबर 3 , 2018 को यूपी के स्याना इलाके में गौकशी के विरोध में हुई हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक युवक सुमीत कुमार की हत्या कर दी गई थी।

योगेश राज 3 दिसंबर की हिंसा के बाद एक महीने तक छुपा रहा। पिछले दिनों उसने एक वीडियो जारी कर खुद को निर्दोष बताया था। बताया जा रहा है,राज बुलंदशहर बजरंग दल का जिला संयोजक भी है। हुई हिंसा में योगेश राज की शिनाख्त घटनास्थल पर किसी व्यक्ति द्वारा बनाए गए वीडियो से हुई है।

अब तक इस केस में 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चूका है। 27 ज्ञात लोगों और और 50 भी भी ज्यादा अज्ञा के खिलाफ केस दर्ज किया जा चूका है। इस केस में एक और मुख्यारोपी भारतीय जनता दल युवा मोर्चा चीफ शिखर अग्रवाल अभी तक फरार है। Police note on the arrest of Bulandshahr prime accused Yogesh Raj pic.twitter.com/GL1rgbyxD6— Sandeep Rai (@RaiSandeepTOI) January 3, 2019

विपक्ष द्वारा लगातर सीएम योगी आदित्यनाथ पर गाय को इंसानों से ज्यादा महत्व देने का आरोप लगाया गया। जिसके बाद यूपी पुलिस बुलंदशहर हिंसा के सभी आरोपियों की धरपकड़ में लगी हुई है।

योगेश राज को जब पता चला कि उसे बुलंदशहर की घटना में आरोपी बनाया गयाहै। वो हरिद्वार में दल के एक बड़े पदाधिकारी की शरण में चला गया। योगेश ने संगठन के बड़े अधिकारी के सामने अपनी बात रखी और कहा कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या में उसका हाथ नहीं है। घटना के समय वह स्याना ठाणे में गौकशी के विरोध में एफआईआर दर्ज करवा रहा था।

सूत्रों के अनुसार,संगठन के पदाधिकारी ने योगेश की बातों पर यकीन कर उसे पुलिस से छुपाने का इंतजाम किया। योगेश को एक महीने तक गुप्त ठिकानों पर रखा गया। उसका ज्यादातर समय हरिद्वार की धर्मशालाओं और आश्रम में बीता। संघठन के बड़े नेता ने राज को अपनी सूझबूझ से एक महीने तक पुलिस की गिरफ्त से बचाए रखा।

हालाँकि पुलिस कुछ भी कहती रहे लेकिन इतना तो तय है कि योगेश राज का राज लगभग एक महीने तक एक बड़े सियासी नेता की वजह से बना रहा। पुलिस को योगेश पर थर्ड डिग्री और गलत धाराएं नहीं लगाने की शर्त पर सौंपा गया है। हालाँकि पुलिस इस तथ्य को निराधार बता रही है।

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