मणिपुर में 30 साल पुराने शराबबंदी कानून को हटा दिया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने शराबबंदी कानून को हटाने का फैसला लिया है। जिसके बाद अब बिहार राज्य में भी शराब पर प्रतिबंध हटाने की मांग उठने लगी है।
भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने 30 साल से अधिक समय के बाद मणिपुर राज्य में शराब पर लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला लिया है। सीएम एन बिरेन सिंह के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने राज्य का राजस्व बढ़ाने और और जहरीली शराब की सप्लाई को रोकने के लिए आबकारी नीति में सुधर किया है। कैबिनेट ने राज्य में 30 साल से भी अधिक समय से लगे शराब पर प्रतिबंध को हटाने का फैसला लिया है जिसके तहत शराब निर्माण, बिक्री, आयात निर्यात और खपतको मंजूरी दे दी है।
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बता दें, इससे पहले पिछले साल सितंबर महीने में शराब बंदी पर लगे प्रतिबंध को आंशिक रूप से हटा दिया गया था। जिसके तहत न्यूनतम 20 बिस्तर वाले होटलों में शराब की बिक्री को मंजूरी दी गई थी।
शराबबंदी कानून
सीएम एन बिरेन सिंह द्वारा मणिपुर में शराबबंदी कानून को खत्म किए जाने के बाद अब बिहार में भी इस कानून को हटाने की मांग उठने लगी है। BIABC ने एक बार फिर मणिपुर की तरह बिहार में शराबबंदी कानून को हटाने की अपील की है। कन्फेडरेशन ऑफ़ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज के डायरेक्टर जनरल विनोद गिरी ने बुधवार के दिन जारी एक ब्यान में कहा है कि तीन दशक से भी अधिक लंबे समय के बाद मणिपुर सरकार ने शराबबंदी कानून को खत्म करने का सकारात्मक कदम उठाया है। इससे न केवल राज्य को लगभग 700 करोड़ रुपए का राजस्व मिलेगा बल्कि अवैध शराब की बिक्री पर भी रोक लगेगी।
अब बिहार में उठने लगी मांग
बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून लागू है। हालांकि, इसके बाद भी बिहार में अवैध शराब की बिक्री और जहरीली शराब से मरने के मामले सामने आते रहे हैं। अब मणिपुर में कानून हटाने के बाद बिहार में भी शराबबंदी पर लगी रोक को हटाने की मांग उठने लगी है।