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उपमुख्यमंत्री दुष्यंत के पैतृक गांव चौटाला में ही स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी को लेकर आप का तंज

आम आदमी पार्टी का कहना है कि हरियाणा सरकार कोरोना के मामलों की रोकथाम को लेकर कितनी गंभीर है, इस बात का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्वयं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पैतृक गांव चौटाला के हालात खराब हैं।

आम आदमी पार्टी का कहना है कि हरियाणा सरकार कोरोना के मामलों की रोकथाम को लेकर कितनी गंभीर है, इस बात का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्वयं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पैतृक गांव चौटाला के हालात खराब हैं।

आम आदमी पार्टी का कहना है कि इस गांव की इससे ज्यादा बदकिस्मती और क्या हो सकती है कि यह गांव देश के उपमुख्यमंत्री रहे ताऊ देवी लाल का संबंध इसी गांव से था और भाजपा के जिला सिरसा के अध्यक्ष आदित्य चौटाला समेत 5 विधायक इसी गांव से हैं। इसके बावजूद गांव के लोगों का सरकारी सिस्टम से भरोसा उठ चुका है। यह हाल सिर्फ चौटाला का ही नहीं, दूसरे गांवों का भी है, जहां का हेल्थ सिस्टम अधूरे स्टाफ और आधी सुविधाओं के सहारे ही खड़ा है। जबकि उपमुख्यमंत्री अन्य स्थानों के स्वास्थ्य प्रबंधों का जायजा लेते फिर रहे हैं।

पार्टी का कहना है कि जो जो नेता अपने ही गांव का स्वास्थ्य सिस्टम नहीं सुधरवा सकता वह औरों का क्या कल्याणा करेगा? पार्टी का कहना है कि दूसरी ओर भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने कोरोना को एक माजाक बना रखा है और बिना सोचे समझे ब्यानबाजी कर अपना माजाक बनवा रहे हैं।

आज यहां जारी एक ब्यान में आप के उत्तरी हरियाणा जोन के सचिव योगेश्वर शर्मा ने कहा कि सामने आ रही रिपोर्टों एवं आप कार्यकर्ताओं द्वारा मिल रही रिपोर्ट के अनुसार जिला सिरसा में कोरोना की दूसरी लहर का असर दिखने लगा है।

उन्होंने कहा कि इसी जिले में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का गांव चौटाला भी आता है। जिसकी ओर किसी की नजर नहीं है। उन्होंने कहा कि वैसे तो उपमुख्यमंत्री दुष्यंत प्रदेश के अन्य हिस्सों में कोरोना के प्रबंधों के दुरस्त होने का दावा कर रहे हैं। मगर उन्हें अपने ही पैतृक गांव चौटाला की कोई सुध नहीं है। जहां कोरोना इतना फैल चुका है कि बीते 15 दिन से रोजाना 2 मौतें हो रही हैं। कोई नेता आज तक गांव में लोगों का हाल पूछने भी नहीं गया। लोगों को गंभीर बीमारी होने पर राजस्थान के हनुमानगढ़ या पंजाब के बठिंडा के अस्पतालों में इलाज हेतु जाना पड़ता है। ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी तो 28 किमी दूर डबवाली भागना पड़ता है।

AAP ने आगे कहा कि दूसरी ओर भाजपा के नेताओं में कोरोना को लेंकर कोई गंभीरता नहीं है। इसी लिए तो उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है।  उनहोंने कहा कि 13 मई के एक वायरल वीडियो में रावत कह रहे हैं कि कोरोना वायरस भी एक प्राणी है और उसे भी जीने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि रावत का यह बयान ऐसे समय आया है जब देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। देश के 18 राज्यों में कोरोना के चलते टोटल लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लागू हैं।  वहीं 14 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में आंशिक लॉकडाउन लगा हुआ है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री रावत का यह बयान पूरी तरह से गैरजिम्मेवाराना है।

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