एडीजी लॉ एंड आर्डर आर्डर प्रशांत कुमार ने एक बयान में कहा है कि विजय यादव की गिरफ्तारी के साथ ही मामले में नामजद सभी छह आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
यूपी के कानपुर में कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में शनिवार के दिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने वांटेड छह पुलिसकर्मियों में से एक को गोरखपुर से अरेस्ट किया है। मनीष गुप्ता हत्याकांड मामले में आरोपी सब इंस्पेक्टर विजय यादव को गोरखपुर के रेलवे स्टेशन म्यूजियम के पास से गिरफ्तार किया गया है। मनीष गुप्ता की हत्या के केस में गिरफ् isतार वह छठा आरोपी है। इस्पेक्टर यादव की गिरफ्तारी के बाद मनीष हत्याकांड में नामजद सभी छह पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। मनीष गुप्ता हत्याकांड में गिरफ्तारी का सिलसिला 10 अक्टूबर 2021 से शुरू हुआ था जो इंस्पेक्टर विजय यादव के गिरफ्तार होने के बाद शनिवार के दिन समाप्त हो गया।
पकड़े गए सभी आरोपी
गौरतलब है पिछले महीने गोरखपुर के एक होटल में कानपुर के व्यवसाई मनीष गुप्ता जिनकी उम्र 36 वर्ष थी की पुलिस कर्मियों ने कथित तौर पर पिटाई की थी। जिससे उसकी मौत हो गई थी। हालांकि आरोपी पुलिसकर्मियों ने मामले में लीपापोती भी की थी और सबूत मिटाने की भी कोशिश की थी। कानपुर पुलिस के सभी छह आरोपियों की गिरफ्तारी पर 25-25 हजार का इनाम रखा था। लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर एक-एक लाख रूपये तक कर दिया गया था
न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार अप्पर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने एक बयान में कहा कि विजय यादव की गिरफ्तारी के केस में नामजद सभी छह आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया है। बुधवार को मुख्य आरक्षी कमलेश कुमार यादव को एक गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। जब वह अदालत में आत्मसमर्पण करने के लिए जा रहा था।
इससे पहले मंगलवार को सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे ,कॉन्स्टेबल प्रशांत कुमार को एक मुखबिर द्वारा भी दी गई सूचना के बाद गिरफ्तार किया गया था। पुलिस इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा को 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपूर के बिजनेसमैन की गोरखपुर में पुलिस कर्मियों द्वारा कथित तौर पर पिटाई के बाद मौत के मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश करते हुए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। राज्य ने यह भी तय किया है कि जब तक केंद्रीय जांच ब्यूरो जांच को अपने हाथ में नहीं लेती है तब तक मामले की जांच कानपुर में ट्रांसफर की जाएगी। इस मामले की जांच तब तक एसआईटी करेगी।