अरविंद केजरीवाल ने गैर भाजपा पार्टियों से राज्य सभा में किसान बिल को हराने के लिए अपील की
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी गैर भाजपा पार्टियों से राज्य सभा में तीनों किसान बिलों को हराने की अपील की है। कहा-भाजपा अल्पमत में है।
आज पुरे देश में किसान विधयेक के विराध में किसानों ने बंद एक आह्वान किया हुआ है। दूसरी तरफ राज्य सभा में आज रविवार के दिन किसान बिल पर वोटिंग होनी है। इससे पहले 17 सितंबर 2020 को लोकसभा में किसान बिल पारित किए गए थे। केंद्र की एनडीए सरकार को उम्मीद है कि राज्य सभा भी भी किसान बिल पारित हो जाएंगे। किसान बिल को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी गैर भाजपा पार्टियों से ट्वीट कर अपील की है।
किसान बिल पर केजरीवाल की अपील
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीटर पर लिखा ,” आज पुरे देश के किसानों की नजर राज्य सभा पर है। राज्य सभा में भाजपा अल्पमत में है। मेरी सभी गैर भाजपा पार्टियों से अपील है कि सब मिलकर इन तीनों बिलों को हरायें, यही देश का किसान चाहता है।” इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल ने किसान बिल को लेकर एक और ट्वीट किया था।
आज पूरे देश के किसानों की नज़र राज्य सभा पर है। राज्य सभा में भाजपा अल्पमत में है। मेरी सभी ग़ैर भाजपा पार्टियों से अपील है कि सब मिलकर इन तीनों बिलों को हरायें, यही देश का किसान चाहता है। https://t.co/NcEX4aYFQz
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 20, 2020
सीएम केजरीवाल ने अपने ट्वीट में लिखा ,” केंद्र के तीनों विधेयक किसानों की बड़ी कंपनियों के हाथों शोषण के लिए छोड़ देंगे। मेरी सभी गैर-भाजपा पार्टियों से विनती है कि राज्य सभा में एकजुट होकर इन तीनों विधेयकों का विरोध करें ,सुनिश्चित करें कि आपके सभी एमपी मौजूद हों और वॉकआउट का ड्रामा न करें। पुरे देश के किसान आपको देख रहे हैं।”
बता दें, इन तीनों बिलों के लेकर किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए चिंतित हैं। किसानों को डर है कि सरकार इन विधेयकों की आड़ में उनका एमएसपी वापस लेना चाहती है। दूसरी तरफ आढ़तियों को डर है कि नए कानून से उनकी कमीशन से होने वाली आय बंद हो जाएगी।
राज्य सभा में बहुमत का आंकड़ा
245 सदस्यों वाली राज्य सभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। जिसमें से दो सीटें खाली हैं। भारतीय जनता पार्टी के अपने 86 सांसद हैं और उनके घटक दलों को मिलाकर संख्या बल 105 तक पहुंचता है। जबकि बहुमत के लिए 122 सांसदों की जरूरत है। यही वजह है कि केजरीवाल ने केंद्र सरकार को राज्य सभा में अल्पमत में होने की बात कही है।