भगवन राम की नगरी अयोध्या में दिवाली की पूर्व संध्या पर दीपोत्सव महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें रिकॉर्ड 22 लाख से अधिक मिट्टी के दीये जलाए गए। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने एक वीडियो साझा कर कहा-दिव्यता के बीच दरिद्रता।
दिवाली की पूर्व संध्या यानि छोटी दिवाली के दिन अयोध्या में श्रीराम की पैड़ी पर एक साथ 22 लाख से अधिक दीये जलाए गए। एक ही समय में 51 घाटों पर 22.23 लाख मिट्टी के दीपक जलाए गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये एक रिकॉर्ड माना जा रहा है। साल 2017 में सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में दीपोत्सव समारोह की शुरुआत की थी। जहां पहली बार 51,000 दीपक जलाए गए थे। उसके बाद 2019 में 4.10 दीपक जलाए गए थे। साल 2020 में 6 लाख से अधिक और 2021 में 9 लाख से अधिक दीपक जलाए गए। 2022 में राम की पैड़ी के घाटों पर 17 लाख दीये जलाए गए। हालांकि, गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 15.76 लाख दीये ही दर्ज किए गए। जबकि इस बार यानि 2023 में 22.23 लाख मिट्टी के दीपक जलाए गए।
अखिलेश यादव का ट्वीट
दिव्यता के बीच दरिद्रता… जहाँ ग़रीबी दीयों से तेल ले जाने के लिए मजबूर करे, वहाँ उत्सव का प्रकाश धुंधला हो जाता है।
हमारी तो यही कामना है कि एक ऐसा पर्व भी आये, जिसमें सिर्फ़ घाट नहीं, हर ग़रीब का घर भी जगमगाए। pic.twitter.com/hNS8w9z96B
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 11, 2023
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने दीपोत्सव महोत्सव का एक वीडियो शेयर करते हुए कहा,” दिव्यता के बीच दरिद्रता … जहां गरीबी दीयों से तेल ले जाने के लिए मजबूर करे, जहां उत्सव का प्रकाश धुंधला हो जाता है। हमारी तो यही कामना है कि एक ऐसा पर्व भी आये, जिसमें सिर्फ घाट नहीं, हर गरीब का घर भी जगमगाए। ” अखिलेश यादव द्वारा शेयर किए गए वीडियो में साफ देखा जा सकता कि अयोध्या में दिवाली की पूर्व संध्या दीपोत्सव के बाद बच्चे और महिलाएं दीयों से तेल बटोर रहे हैं।
वहीं, मूकनायक द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में कुछ महिलाएं कह रही हैं कि इस तेल से वे खाना पकाएंगी, खुद को लगाएंगी और बच्चों को भी लगाएंगी। एक महिला ने बताया कि वह मजदूरी करती है और इस तेल से घर का खाना बनाएगी।