Diwali and Amavasya: देश भर में दिवाली का पर्व आज बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार दो दिन अमावस्या के कारण दिवाली दो दिन मनाई जाएगी।
Diwali 2024
दिवाली से एक दिन पहले प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में दीपोत्सव-2024 मनाया गया। जिसमें 25 लाख से अधिक दीप प्रज्वलित करने का विश्व रिकॉर्ड बनाया गया। इस बार दिवाली का जश्न डबल है। क्योंकि 2024 की दिवाली दो दिन मनाई जा रही है। इस बार 31 दो दिन अमावस्या होने के कारण आज यानि 31 अक्टूबर और 1 नवंबर 20224 को दिवाली मनाई जाएगी।
Amavasya और Diwali
काशी विश्वनाथ मंदिर मंदिर न्यास के प्रमुख नागेंद्र पांडे के अनुसार अमावस्या 31 अक्टूबर को अपराह्न 03:52 बजे शुरू होगी । अमावस्या 1 नवंबर 2024 को शाम 06:16 बजे समाप्त होगी। 31 अक्तूबर की सारी रात अमावस्या रहेगी। क्योंकि हिंदुओं का यह पर्व रात्रि में मनाया जाता है। इसलिए 31 अक्टूबर को महालक्ष्मी पूजा और स्थिर लग्न में ही लक्ष्मी पूजन का विधान है।
Diwali का शुभ मुहूर्त
दिवाली का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर को शाम 06:27 से 08:23 बजे तक है। मुहूर्त का समय 1 घंटा 57 मिनट है। ये भी पढ़ें, Miss Universe India Rhea Singha अयोध्या रामलीला में निभाएंगी माता सीता का रोल, वीडियो
दो दिन Diwali
कुछ विद्वानों और हिंदू धर्म के पंडितों के अनुसार, 1 नवंबर की रात को व्यापिनी अमावस्या होगी। ऐसे में एक नवंबर को सूर्यास्त होने के बाद शाम 06:16 बजे तक अमावस्या ही है। ऐसे में एक नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी।
Diwali की पूजा विधि
- सबसे पहले पुरे घर की साफ सफाई कर लें। इसके साथ ही घर में पूजा स्थल को साफ कर लें।
- पूजा स्थल के पास लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछा लें।
- माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा को पूजा स्थल पर विराजमान करें।
- एक सिक्का पूजा स्थल पर रखें।
- पहले भगवान गणेश की पूजा करें इसके बाद माता लक्ष्मी की पूजा करें।
- पूजन के लिए देसी घी का दीपक जलाएं।
- अन्य दीपकों में सरसों का तेल डालकर जलाएं।
- घर की देहरी और अन्य स्थानों पर सरसों के तेल के दिये जलाएं।
अस्वीकरण: पुरे भारत के अलग अलग हिस्सों में दिवाली की पूजा और मनाने की विधि थोड़ी बहुत अलग होती है। ऐसे में आप दिवाली को अपनी परंपरा के अनुसार मनाएं।