Dr Shrikant Jichkar: भारत के सबसे शिक्षित व्यक्ति, डिग्रियों का लगा दिया था ढेर

Dr Shrikant Jichkar भारत के सबसे शिक्षित व्यक्तियों में से एक थे। उनका नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में दर्ज है। उनके पास MBBS, MD, BALLB, LLM, MBA,PHD और D Lit.समेत 20 से अधिक डिग्रियां थीं।

Dr Shrikant Jichkar का जन्म और शिक्षा

डॉक्टर श्रीकांत जिचकर का जन्म 14 सितंबर 1954 को महाराष्ट्र के नागपुर जिले के आजगांव के एक मराठा किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद नागपुर यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस और एमडी की डिग्री प्राप्त की। जिसके बाद उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत की। लेकिन उनके ज्ञान की भूख यहीं खत्म नहीं हुई। उन्होंने 1973 से 1990 के बीच 42 विभिन्न विश्विद्यालयों की परीक्षाओं में भाग लिया। उन्होंने 20 अधिक डिग्रियां हासिल की। जिनमें अधिकांश में फर्स्ट डिवीजन और गोल्ड मेडल हासिल किया।

श्रीकांत जिचकर की डिग्रियां

उन्होंने एमबीबीएस, एमडी, बीएएलएलबी, एलएलएम (अंतराष्ट्रीय कानून ), एमबीए, बिजनेस मैनेजमेंट में डॉक्टरेट, बैचलर ऑफ़ जर्नलिज्म, संस्कृत में डी.  लिट, मास्टर ऑफ़ आर्ट (MA), समाजशास्त्र, लोक प्रशासन, अर्थशास्त्र, इतिहास, अंग्रेजी साहित्य, दर्शन शास्त्र, राजनीती विज्ञान, प्राचीन भारतीय इतिहास, मनोविज्ञान, संस्कृत और पुरातत्व समेत कई डिग्रियां हासिल की। उनकी शैक्षणिक यात्रा में 28 पदक शामिल थे। उन्हें कुछ डिग्रियां उच्च शिक्षा के नियमों के कारण नहीं मिल पाई।

डॉ जिचकर की सिविल सेवा और त्यागपत्र

डॉक्टर श्रीकांत जिचकर ने 1978 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास की। वे भारतीय पुलिस सेवा में IPS चयनित हुए। हालांकि, उन्होंने दो महीने बाद ही इस पद से त्यागपत्र दे दिया। 1980 में उन्होंने दोबारा यूपीएसी की परीक्षा दी। इस बार वे आईएएस चयनित हुए। लेकिन चार महीने बाद उन्होंने इस पद से भी इस्तीफा दे दिया। उनका झुकाव समाज सेवा और राजनीती की ओर होने लगा।

डॉ जिचकर का राजनीतिक करियर

श्रीकांत जिचकर ने 1980 में महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव लड़ा। उन्होंने 25 वर्ष की उम्र में विधायक बनकर रिकॉर्ड बनाया। 1982 से 1985 तक वे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे। जहां उन्होंने 14 महत्पूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली। वे 1986 से 1992 तक महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य रहे। उन्होंने 1992 से 1998 तक राज्यसभा में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 1998 और 2004 में लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों बार मामूली अंतर से हार गए।

राजनीती से हटने के बाद उन्होंने देशभर में यात्राएं की। उन्होंने शिक्षा,स्वास्थ्य और धर्म जैसे विषयों पर भाषण दिए। उन्होंने यूनेस्को में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। उनकी निजी लायब्रेरी में 52000 से अधिक पुस्तकें थीं।

डॉ श्रीकांत जिचकर का निधन

2 जून 2004 को 49 वर्ष की उम्र में डॉक्टर जिचकर का एक सड़क हादसे में निधन हो गया था।नागपुर से 60 किलोमीटर दूर कोथली के पास एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी थी। जिसमें उनका निधन हो गया था।

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