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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने VIVO के 44 ठिकानों पर छापेमारी की, कंपनी के दो बड़े अधिकारी भारत छोड़कर चीन भागे

भारतीय प्रवर्तन निदेशालय ( ED )  चाइनीज मोबाइल कंपनी VIVO के 44 ठिकानों पर धन शोधन मामले में छापेमारी की है। इस बीच खबर आ रही है कि मोबाइल कंपनी के दो शीर्ष अधिकारी भारत छोड़कर भाग गए हैं।

भारतीय प्रवर्तन निदेशालय ( ED )  चाइनीज मोबाइल कंपनी VIVO के 44 ठिकानों पर धन शोधन मामले में छापेमारी की है। इस बीच खबर आ रही है कि मोबाइल कंपनी के दो शीर्ष अधिकारी भारत छोड़कर भाग गए हैं।

भारत में धोखे से बिजनेस करने वाली चीनी मोबाइल कंपनी वीवो के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों ने कार्रवाई तेज कर दी है। चीन की मोबाइल बनाने वाली कंपनी वीवो भारतीय जांच एजेंसियों के शिकंजे में फंसती नजर आ रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने टैक्स चोरी और मनी लॉन्डरिंग के मामलों में वीवो के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। अब एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार वीवो कंपनी के दो बड़े निदेशक भारत छोड़कर भाग गए हैं। डायरेक्टर झेंगशेन अउ और झांग झी  ( Zhengshen Ou, Zhang Jie ) जांच एजेंसी की कार्रवाई के डर से भारत छोड़कर भाग गए हैं।

मंगलवार को हुई थी छापेमारी

आपको बता दें , ED ने मंगलवार सुबह से ही वीवो के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने उत्तर प्रदेश , दिल्ली , मेघालय और महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न शहरों में वीवो कंपनी के कुल 44 ठिकानों पर धाड़ मारी थी। ईडी ने वीवो के दिल्ली स्थित ठिकाने पर रेड के दौरान कंपनी के अधिकारीयों से लगभग 6 घंटे तक पूछताछ की थी। ईडी ने वीवो के दिल्ली स्थित दफ्तर से कईं अहम दस्तावेज भी जब्त किए हैं।

करोड़ों रूपये की धोखाधड़ी में शामिल है वीवो

चीनी मोबाइल कंपनी वीवो टैक्स चोरी और धन शोधन के मामले में न सिर्फ जांच एजेंसियों के बल्कि कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के राडार पर भी थी। मनी लॉन्डरिंग मामले में ईडी के साथ-साथ सीबीआई भी पहले से जांच कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीनी कंपनी ने भारत हजारों करोड़ रूपये की धोखाधड़ी की है।

EOW ने शुरू की थी जांच

आपको बता दें , ईडी और सीबीआई से पहले वीवो मोबाइल कंपनी के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने कार्रवाई शुरू की थी। जिसके बाद EOW की शिकायत के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने एक्शन लिया और PMLA के तहत वीवो के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की। जांच एजेंसी को शक है कि चीनी मोबाइल कंपनी ने भारत में अवैध रूप से पैसा कमाया और इसे विदेशों में इन्वेस्ट किया।

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