दूध दही चावल मक्खन पनीर लस्सी मांस मछली जैसे खाद्य पदार्थों पर केंद्र सरकार ने GST लगाने की घोषणा की है। आज से अस्पताल में इलाज और स्टेशनरी पर भी जीएसटी लागू हो गया है। केंद्र सरकार के इस फैसले से आहत बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा ,” जब राहत देने का वक्त था, तब हम लोगों को आहत कर रहे हैं। ”
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जून महीने के अंत में जीएसटी काउंसिल की 47 वी बैठक हुई थी। इस मीटिंग में जीएसटी काउंसिल ने कुछ खाद्य पदार्थों पर GST लगाने का फैसला लिया, जिन्हे टैक्स स्लैब से बाहर रखा हुआ था। आज सोमवार को यानि 18 जुलाई 2022 से कुछ खाद्य पदार्थों , स्टेशनरी और अस्पताल में इलाज करवाने पर जीएसटी देनी होगी। केंद्र सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने एक ट्वीट किया।
वरुण गांधी का ट्वीट
आज से दूध, दही, मक्खन, चावल, दाल, ब्रेड जैसे पैक्ड उत्पादों पर GST लागू है।
रिकार्डतोड़ बेरोजगारी के बीच लिया गया यह फैसला मध्यमवर्गीय परिवारों और विशेषकर किराए के मकानों में रहने वाले संघर्षरत युवाओं की जेबें और हल्की कर देगा।
जब ‘राहत’ देने का वक्त था, तब हम ‘आहत’ कर रहे हैं।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) July 18, 2022
वरुण गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा ,” आज से दूध , दही , मक्खन , चावल , दाल , ब्रेड जैसे पैक्ड उत्पादों पर जीएसटी लागू है। रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी के बीच लिया गया यह फैसला मध्यमवर्गीय परिवारों विशेषकर किराए के मकानों में रहने वाले संघर्षरत युवाओं की जेबें और हल्की कर देगा। जब ‘राहत’ देने का वक्त था , तब हम ‘आहत कर रहे हैं। ”
पैक्ड फूड्स हुए महंगे
पैक्ड प्रोडक्ट – जैसे , दूध , दही , पनीर , मक्खन , लस्सी , मांस और मछली पर सरकार आज से पांच फीसदी जीएसटी वसूलेगी। ये खाद्य पदार्थ पहले जीएसटी के दायरे से बाहर थे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अधक्ष्यता में हुई जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में इन पदार्थों को पहली बार जीएसटी के दायरे में लाया गया है।
स्टेशनरी अब जीएसटी के दायरे में
केंद्र सरकार ने स्टेशनरी पर जीएसटी बढ़ाने का फैसला लिया है। पेंसिल शार्पनर , स्पून , फोर्क , ब्लेड , पेपर कैंची पर पहले 12 फीसदी जीएसटी लगता था अब उसे बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है।
हालांकि, पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक इंटरव्यू में कहा था कि इन चीजों पर जीएसटी बढ़ाने से मध्यम वर्ग पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं , उन्ही की सरकार के सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर नाराजगी जताई है।