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घाटी में डर का माहौल : टारगेट किलिंग के चलते जम्मू कश्मीर से पलायन करने लगे हिंदू

जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा स्थानीय और प्रवासी नागरिकों की टारगेट किलिंग के चलते घाटी से लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार की तरफ से उचित सुरक्षा न मिलने के कारण लोगों ने घाटी से फिर पलायन करना शुरू कर दिया है।

जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा स्थानीय और प्रवासी नागरिकों की टारगेट किलिंग के चलते घाटी से लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार की तरफ से उचित सुरक्षा न मिलने के कारण लोगों ने घाटी से फिर पलायन करना शुरू कर दिया है।

बीते दिन कुलगाम जिला के एक देहाती बैंक मैनेजर विजय कुमार को आतंकवादियों ने बैंक में घुसकर गोली मार दी थी। घायल विजय कुमार को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था लेकिन उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इससे पहले कुलगाम जिला में ही एक सरकारी स्कूल टीचर रजनी बाला की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इतना ही, नहीं कल ही घाटी में ईंट भट्टा पर काम करने वाले दो प्रवासी मजदूरों को गोलियां मार दी। रिपोर्ट के अनुसार, गोली लगने के कारण एक मजदूर की मौत हो गई है जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल है।

घाटी में टारगेट किलिंग जारी

इस तरह आतंकवादी घाटी में चुन चुनकर लोगों को अपना निशाना बना रहे हैं। सरकार की तरफ से पुख्ता सुरक्षा न मिलने के कारण अब लोगों ने जम्मू कश्मीर से पलायन शुरू कर दिया है। कश्मीर में एक कर्मचारी विजय कुमार ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई के हवाले से बताया ,”जम्मू कश्मीर में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। आज चार हत्याएं हुए हैं। 30-40 परिवार शहर छोड़कर जा चुके हैं। हमारी मांगे पूरी नहीं हुई। सरकार के सुरक्षित स्थान केवल शहर के भीतर हैं। जबकि देहात एरिया में कोई सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। श्रीनगर में कोई सुरक्षित स्थान नहीं है। यही वजह है कि हम घाटी छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं।

सुरक्षाकर्मी तक सुरक्षित नहीं

एक अन्य नागरिक आशु ने बताया ,” यहां सुरक्षाकर्मी तक खुद सुरक्षित नहीं हैं। आम नागरिक खुद को कैसे बचा पाएंगे ? ज्यादा से ज्यादा हिंदू परिवार श्रीनगर छोड़ने वाले हैं। कश्मीरी पंडितों के शिविरों को पुलिस ने सील कर दिया है। ”

बता दें, जम्मू कश्मीर में आतंकवादी स्थानीय और प्रवासी नागरिकों को अपना निशाना बना रहे हैं। आतंकवादियों ने पिछले पांच महीने में 18 नागरिकों की हत्या कर दी है। ये सिर्फ आधिकारिक आंकड़े हैं। टारगेट किलिंग का शिकार हुए लोगों की संख्या इससे भी अधिक हो सकती है।

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