Manipur Violence: महिलाओं की भीड़ के सामने मजबूर हुई सेना, 12 उग्रवादियों को छोड़ा

Indian Army in Manipur: मणिपुर में पिछले 53 दिनों से हिंसा जारी है। मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में कुल 18 राजनीतिक पार्टियों ने हिस्सा लिया।

Indian Army in Manipur: महिलाओं की भीड़ के सामने मजबूर हुई सेना

मणिपुर में पिछले 50 दिन से भी अधिक समय से हिंसा जारी है। राज्य सरकार ने हिंसा पर काबू पाने के लिए कई जिलों में कर्फ्यू लगा रखा है। राज्य में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। केंद्र सरकार ने राज्य में शांति बहाली के लिए भारतीय सेना को तैनात किया हुआ है। इसी बीच राज्य में शनिवार को एक बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला है। जहां , भारतीय सेना को मणिपुर के उग्रवादी संगठन KYKL के 12 सदस्यों को छोड़ना पड़ा।

12 उग्रवादियों को एक गांव में घेर लिया

शनिवार को भारतीय सेना ने कांगलेई यावोल कन्ना लूप ( KYKL) के 12 उग्रवादियों को एक गांव में घेर लिया था। तभी लगभग 1500 महिलाओं की उग्र भीड़ सामने आई। भीड़ के विरोध को देखते हुए मजबूरी में सेना को उन 12 उग्रवादियों को छोड़ना पड़ा। इन 12 उग्रवादियों में साल 2015 में सेना पर हुए हमले का मास्टरमाइंड मोइरंगथेम उग्रवादी भी शामिल था। साल 2015 सेना पर हुए हमले में 18 जवानों की मौत हुई थी।

घटना की जानकारी देते हुए इंफाल में भारतीय सेना के PRO ने बताया ,”  सुरक्षाबलों ने भीड़ को हटने के लिए अपील की लेकिन लोग पीछे नहीं हटे। मजबूरन गिरफ्तार किए गए 12 उग्रवादियों को छोड़ना पड़ा। उग्रवादियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए।

3 मई से हिंसा जारी

मणिपुर में 3 मई को हिंसा की शुरुआत हुई थी। यह हिंसा मणिपुर के दो समुदायों के बीच शुरू हुई थी। मामला आरक्षण का है। जहां अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के विरोध में हिंसा शुरू हुई थी। राज्य के मैतेई और कुकी समुदाय आरक्षण को लेकर झगड़ रहे हैं। इस हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। 300 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं और हजारों लोग अपने घर छोड़ चुके हैं।

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