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Chandrayaan 3 News: ISRO ने फिर रचा इतिहास, चंद्रयान 3 प्रोपल्शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लौटाया

Chandrayaan 3 News: ISRO ने फिर रचा इतिहास, चंद्रयान 3 प्रोपल्शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लौटाया

ISRO ने अंतरिक्ष में एक बार फिर इतिहास रच दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चंद्रयान 3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लौटा दिया है। इस तरह इसरो के वैज्ञानिकों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए 100 किलोग्राम ईंधन बचा लिया है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगा रहे प्रोपल्शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लौटा दिया है। प्रोपल्शन मॉड्यूल ने 10 नवंबर से चंद्रमा से धरती की तरफ यात्रा शुरू कर दी है। 22 नवंबर को यान पृथ्वी के निकटतम बिंदु से होकर गुजरा था। यह प्रयोग चाँद से सैंपल वापस लाने के मिशन को ध्यान में रखते हुए किया गया। प्रोपल्शन मॉड्यूल जो पहले चंद्रमा 150 किलोमीटर वाली कक्षा में चक्कर लगा रहा था, वह अब पृथ्वी की कक्षा में लौट आया है। इसरो ने कहा कि जिस तरह विक्रम लैंडर का चंद्रमा की धरती पर हॉप टेस्ट किया गया, उसी तरह यह एक और सफल प्रयोग किया गया।

100 किलोग्राम ईंधन बचा

इसरो की योजना के अनुसार, पहले प्रोपल्शन मॉड्यूल को चंद्रमा की कक्षा में केवल तीन महीने रहना था लेकिन वैज्ञानिकों की कुशलता के कारण पीएम में 100 किलोग्राम ईंधन बचा हुआ था। इसरो ने उस बचे हुए ईंधन का उपयोग प्रोपल्शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लाने के लिए किया।

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कहा कि अब प्रोपल्शन मॉड्यूल पृथ्वी की एक परिक्रमा लगभग 13 दिनों में पूरी कर रहा है। प्रोपल्शन मॉड्यूल की कक्षा भी बदल रही है। यह पृथ्वी की न्यूनतम 1.15 लाख किलोमीटर की दुरी तक आएगा। प्रोपल्शन मॉड्यूल का पृथ्वी की कक्ष में चक्कर लगा रहे किसी भी उपग्रह से टकराने का खतरा नहीं है।

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प्रोपल्शन मॉड्यूल का काम

इसरो ने कहा कि चंद्रयान 3 मिशन का मुख्य उदेश्य चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करना था। जिसमें सफलत मिली। चंद्रयान 3 ने चांद के साउथ पोल पर 23 अगस्त 2023 को सफल लैंडिंग की थी। जिसके बाद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को परिचालित किया गया। प्रोपल्शन मॉड्यूल का काम लैंडर मॉड्यूल्स को पृथ्वी से चांद की कक्षा में पहुंचाकर उन्हें अलग कर देना था।

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