Holi: जानिए होलिका दहन की कथा और इसका महत्व : होली का त्यौहार हिन्दू धर्म में विशेष महत्वपूर्ण है। यह त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
Holi दहन की कथा
Holi: प्राचीन समय में हिरण्यकश्यप नाम का एक असुर हुआ करता था । वह भगवान में बिलकुल आस्था नहीं रखता था । लेकिन उसका बेटा प्रह्लाद भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था । हिरण्यकश्यप को यह बात बिलकुल पसंद नहीं थी। उसने प्रह्लाद को बहुत समझाया लेकिन प्रह्लाद नहीं माना। अंत में हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने की योजना बनाई ।
हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को मारने का आदेश दिया । होलिका को वरदान मिला था की अग्नि उसको नहीं जला सकती । वो प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठ गयी । लेकिन हुआ इसके विपरीत होलिका जलकर राख हो गयी लेकिन प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ ।
Holi होली का महत्व
Holi त्यौहार का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है । यह माना जाता है की होली के दिन जो पवित्र अग्नि जलाई जाती है । उसमे सब दुःख , परेशानिओ, का अंत हो जाता है ।
यह त्योहारर बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है । इस दिन शाम को होली जलाई जाती है । और अगले दिन रंग-गुलाल से खेला जाता है। जिसे फ़ाग या दुलहंडी भी कहते है । इस वर्ष यह त्यौहार 28,29 मार्च को मनाया जायेगा । होली के गाने
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