
Dheeraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सफाईकर्मचारी धीरज पिछले दस साल से सेवा दे रहा था। धीरज के पिता कुष्ठ रोग विभाग में तैनात थे।
जिनकी मौत के बाद धीरज आश्रित कोटे के आधार पर सफाई कर्मचारी की नौकरी मिल गई थी। कहा जा रहा है कि धीरज ने अपनी दस साल की सैलरी में से एक पैसा भी नहीं निकाला और वह इसे बैंक में जमा करता रहा।
Dheeraj:करोड़पति सफाईकर्मी धीरज की टीबी के कारण मौत
यूपी के कुष्ठ रोग विभाग के CMO दफ्तर में स्वीपर धीरज की मौत हो गई है। अपनी सैलरी की एक एक पाई को बचाकर धीरज करोड़पति बन गया। उसने दस तक मिलने वाले वेतन का एक भी पैसा खर्च नहीं किया ,वह इसे जमा करता रहा। बैंक अधिकारीयों के अनुसार धीरज कभी बैंक नहीं आया। हालांकि, वह हर साल पूरी ईमानदारी के साथ ITR भरता रहता था।
पैसे मांगकर करता था गुजर बसर
स्थनीय लोगों और धीरज के रिश्तेदारों के अनुसार धीरज अपने इलाज और जीवनयापन के लिए लोगों से उधार पैसे लेकर काम चला लेता था। बिमारी की वजह से मरने वाले धीरज के पास काफी प्रॉपर्टी और बैंक अकाउंट में 70 लाख रूपये से अधिक जमा थे। बैंक अकाउंट में जमा राशि उसकी पिछले दस साल की सैलरी और उस पर मिलने वाला ब्याज था।
पिता की जगह मिली थी जॉब
सफाईकर्मी धीरज के पिता कुष्ठ रोग विभाग में नौकरी करते थे। नौकरी के दौरान धीरज के पिता का निधन हो गया था। जिसके बाद धीरज को आश्रित कोटा के आधार पर सफाईकर्मी की नौकरी दी गई।
बताया जा रहा है कि Dheeraj नौकरी करने बाद भी अपनी तनख्वाह से एक पैसा नहीं निकालता था। वह अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर अपना काम चला लेता था। वह पैसों के लिए लोगों के पैर तक पकड़ लेता था।
दस साल तक सैलरी जमाकर कमाए थे इतने पैसे
लोग के उसके फ़टे पुराने कपड़े देखकर गरीब समझकर पैसे दे देते थे। लेकिन दस साल तक बैंक अकाउंट में सैलरी जमा होती रही और निकासी बिलकुल भी नहीं हुई, बैंक कर्मचारी इस अप्रत्याशित घटना को लेकर अकाउंट होल्डर को ढूंढने उसके दफ्तर पहुंच गए।
करोड़ों का मालिक था धीरज
बैंक वालों को जब दफ्तर में धीरज फ़टे पुराने कपड़े पहने हुए काम करता हुआ मिला तो वे हैरान रह गए। क्योंकि जो धीरज कपड़ों से भिखारी लग रहा था वह करोड़ों की संपत्ति का मालिक था। सिर्फ बैंक में ही उसके 70 से अधिक जमा थे।
धीरज अपनी अस्सी वर्षीय मां के साथ रहता था। खर्चों के डर से उसने शादी भी नहीं की थी। उसकी खास बात ये थी कि वह सरकार को अपनी आय का टैक्स भी पूरी ईमानदारी से देता था। वह हर साल आईटीआर भरता था। Published on: Sep 5, 2022 at 08:37