Saira Banu : गुरु पूर्णिमा पर सायरा बानो को याद आए पुराने दिन, दिलीप कुमार संग थ्रोबैक तस्वीरें शेयर कर लिखी ये बात
Saira Banu : सायरा बानो ने गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर दिलीप कुमार और अपने गुरुओं के साथ कुछ थ्रोबैक तस्वीरें शेयर की है। इन तस्वीरों को शेयर करते हुए अभिनेत्री ने…
हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री सायरा बानो (Saira Banu) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है। वे अक्सर अपने दिंवगत पति और दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के जीवन के अनसुने किस्से फैंस के साथ शेयर करती रहती है। वहीं आज गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर सायरा बानो ने अपने गुरुओं को याद किया है। अभिनेत्री ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट से कुछ तस्वीरें शेयर की है जिसमें दिलीप कुमार, गोविंदा और सायरा सहित कंई अन्य लोग नजर आ रहे है। इन तस्वीरों को शेयर करते हुए अभिनेत्री ने बताया कि गुरु की उनके जीवन में क्या भूमिका रही है।
गुरु पूर्णिमा पर Saira Banu ने शेयर किया ये पोस्ट
सायरा बानो ने लिखा, “गुरु पूर्णिमा उन लोगों का सम्मान और गहरी कृतज्ञता व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है जिन्होंने हमें ज्ञान दिया और प्रेम के साथ हमारा मार्गदर्शन किया हो, यह हमें याद दिलाता है कि एक गुरु हमारे जीवन पर कितना घर प्रभाव डाल सकता है। मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूँ कि मुझे जीवन भर कंई पूज्य गुरुओं का आशीर्वाद मिला, जिनकी शिक्षाओं और मार्गदर्शन ने मुझे गहराई से आकर दिया, खासकर भारतीय सिनेमा की मेरी यात्रा में और दिलीप साहब से मेरी शादी के बाद।”
एक्ट्रेस ने आगे लिखा, “इन प्रर्तिष्ठित गुरुओं में से एक रोशन कुमारी जी है (पहली तस्वीर में मेरी बाई और बैठी है) पद्मश्री से सम्मानित और इन्होने महान बंगाली फिल्म निर्माता सत्यजीत रे के साथ भी काम किया है। इन्होने मुझे जयपुर घराने के शास्त्रीय नृत्य कथक की कला सिखाई। इनकी कृपा और अनुशाशन भारतीय कला के लिए किसी मास्टरक्लास और आशीर्वाद से कम नहीं थे। शास्त्रीय नृत्य में मैंने जो कुछ भी सीखा है उनका श्रेय इन्ही को जाता है। इन्होने मुझे शास्त्रीय नर्तक के रूप में निखारने और विकसित करने के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित कर दिया।”
एक्ट्रेस ने दी गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएँ
सायरा ने अंत में लिखा, “एक अन्य महत्वपूर्ण गुरु है P.L. Raj जी, जिनके साथ मुझे ‘जंगली’ के दौरान काम करने का सौभाग्य मिला। उन्होंने मेरे पहले गाने ‘कश्मीर की कली’ को खूबसूरती से कोरियोग्राफ किया और अन्य फिल्मों में भी मेरे साथ काम करना जारी रखा। मेरी रिहर्सल कंपोजर शालिनी देशपांडे ने भी कोई कसार नहीं छोड़ी और कड़ी मेहनत से मेरे साथ रिहर्सल की। आज मैं इन सभी को बेहद प्यार और सम्मान के साथ याद करती हूँ। मैं इनकी कहानियों और इन्होने मेरे जीवन पर जो छाप छोड़ी है इसे शेयर करने के लिए बाध्य महसूस करती हूँ। इनका प्रभाव मार्गदर्शक बना हुआ और मेरी यात्रा में इनका योगदान अमूल्य है। हैप्पी गुरु पूर्णिमा।”