महाराष्ट्र के पालघर में बच्चा चोरी के संदेह में दो साधुओं और उनके ड्राइवर को भीड़ ने मार डाला। मामले में 110 लोगों को गिरफ्तार किया जा चूका है।
मुंबई से करीब सवा सौ किलोमीटर दूर पालघर के ग़ढ़चिंचले गांव में उग्र भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर को उस समय कार से बाहर खींचकर मार डाला ,जब वे अपने के रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में सूरत जा रहे थे। मारे गए संतों के नाम कल्पवृक्षगिरी महाराज और सुशील गिरी महाराज हैं। मारे गए ,उनके कार ड्राइवर का नाम नीलेश टेलग्ने है।
पालघर में मारे गए दोनों साधुओं और उनके ड्राइवर की मौत को सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग दिए जाने की कोशिश लगातार चल रही है। कई न्यूज़ में इस घटना को मॉब लिंचिंग में मारे गए अखलाख से भी जोड़कर दिखाया जा रहा है।
ऐसा नहीं है कि साधुओं को बचाने में महारष्ट्र पुलिस ने कोई कोशिश नहीं की। मौका-ए-वारदात पर जब पुलिस पहुंची और भीड़ को समझाने का प्रयास किया उल्टा भीड़ ने पुलिस वालों को मारना शुरू कर दिया। जिसमें कई पुलिस वाले घायल हो गए। पुलिस की गाडी तोड़ दी गई। जैसे-तैसे पुलिस तीनों को अस्पताल ले गई , जहां, डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
As I see it, such incidents will soon become commonplace in Indiahttps://t.co/Pz8Wd3zClK
— Markandey Katju (@mkatju) April 20, 2020
पालघर में साधुओं की हत्या को लेकर भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू ने देश हालात पर चिंता जताते हुए एक ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा,” जैसा की मैं देख रहा हूं ,भारत में इस तरह की घटनाएं जल्द ही आम हो जाएंगी।” रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के इस कदम से बहुत खुश हुए विराट कोहली