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सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकारों के लिए लॉन्च किया मोबाइल एप,सीधे ऑनलाइन जुड़ सकेंगे मीडियाकर्मी

चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि मीडिया सूचना को पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। मैं भी कुछ समय के लिए पत्रकार रह चूका हूं । उस समय कार या बाइक नहीं थी ।

चीफ जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि मीडिया सूचना को पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। मैं भी कुछ समय के लिए पत्रकार रह चूका हूं । उस समय कार या बाइक नहीं थी ।

सर्वोच्च न्यायालय ने वर्चुअल सुनवाई से मीडिया कर्मियों को जोड़ने के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। मोबाइल एप लांच होने के मौके पर जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि कोर्ट में की कार्यवाही तक इस तरह मीडिया की पहुंच से पारदर्शिता बढ़ेगी सी जी आई एनवी रमणा ने कहा कि ऐप लांच होने के बाद मीडिया के दोस्तों को अदालत आने के लिए परेशान नहीं होना होगा। सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने बताया कि मोबाइल एप जल्दी प्ले स्टोर पर उपलब्ध हो जाएगा।

भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा ने इस मौके पर कहा,” सुप्रीम कोर्ट और मीडिया के बीच कोऑर्डिनेशन के लिए एक व्यक्ति को नियुक्त किया जाएगा। मुझे उम्मीद है कि मीडिया के लोग जिम्मेदारी से इस सुविधा का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा कि महामारी हर किसी को प्रभावी कर रही है। कोर्ट में संक्रमण का पहला मामला 27 अप्रैल 2020 को आया था। उसके बाद अब तक सुप्रीम कोर्ट के 800 स्टाफ संक्रमित हो गए हैं। 3 स्टाफ की मौत भी हो गई है।”

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा ने कहा कि कोर्ट की सुनवाई में पारदर्शिता बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कभी-कभी हमें हमने सुरक्षा कारणों से लोगों को आने से प्रतिबंधित किया है। अदालत की सुनवाई का लोगों तक पहुंचना बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि उन्हें पता चलना चाहिए कि इससे किस पर प्रभाव पड़ेगा या नहीं पड़ेगा। मीडिया इस सूचना को पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। कोरोनावायरस महामारी ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि हम अपने परिवार के सदस्यों से अपने घर में मिलने में अयोग्य हैं।

चीफ जस्टिस ने कहा,” रिपोर्टिंग में मीडिया को बहुत चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मैं भी कुछ समय तक के लिए पत्रकार था। उस समय हमारे पास कार या बाइक नहीं हुआ करती थी। उस वक्त किसी भी अतिरिक्त सुविधा नहीं लेने के लिए रेगुलेशन थे। उन दिनों रिपोर्ट करने के लिए मैंने इन कठिनाइयों का भी सामना किया था।”

भारत के प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि जस्टिस एमएम खानविलकर जस्टिस, डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता सहित सभी रजिस्ट्री अधिकारियों ने इस ऐप के लिए बहुत कड़ी मेहनत की है। उन सब का धन्यवाद किया जाना चाहिए। हमें पता चला है कि मीडिया कर्मियों को कोर्ट की सुनवाई और लिंक के लिए वकीलों पर निर्भर थे। इसलिए इस तरह की व्यवस्था की गई है।

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