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सुप्रीम कोर्ट ने EVM-VVPAT सत्यापन की मांग वाली याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने EVM-VVPAT सत्यापन की मांग वाली याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने कई महीनों तक चली सुनवाई के बाद EVM-VVPAT के 100 फीसदी सत्यापन वाली याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने यह फैसला सुनाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कुछ तकनीकी स्पष्टीकरण लेने के बाद ईवीएम वीवीपैट के सौ फीसदी सत्यापन की मांग वाली याचिका ो खारिज कर दिया है। इस मामले में 18 अप्रैल को आदेश आरक्षित किए गए थे और 24 अप्रैल को सूचीबद्ध किए गए थे। हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन मामले में पीठ के दोनों जजों के मत अलग-अलग थे, लेकिन दोनों ने सहमत फैसले लिखे हैं।

फैसलों के निष्कर्ष का हवाला देते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने अदालत में कहा, बैलट पेपर से मतदान को वापस लाने, EVM-VVPAT का 100 प्रतिशत सत्यापन पूरा करने और मतदाताओं को VVPAT पर्चियां बैलट बॉक्स में डालने के लिए देने की याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि मतदान सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से ही होगा। सिंबल लोडिंग यूनिट सील कर दी जाएगी। सर्वोच्च अदालत ने बैलट पेपर से चुनाव करवाने वाली याचिका को भी रद्द कर दिया है।

शीर्ष अदालत ने ईवीएम वीवीपैट और बैलट पेपर से मतदान करवाने वाली याचिकाओं खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि चुनाव आयोग ने कहा था कि वीवीपैट स्लिप मतदाताओं को देने से बहुत बड़ा रिस्क होगा। यह मतदान को गोपनीय से समझौता होगा।बूथ के बाहर इसका दुरूपयोग होने की संभावना है।

सर्वोच्च अदालत ने 24 अप्रैल 2024 को सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण,संजय हेगड़े और गोपाल शंकरनारायण ने पैरवी की। चुनाव आयोग की टफ से वकील मनिंदर सिंह और केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा।

वहीं, इससे पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने EVM से जुडी आशंकाओं को खारिज करते हुए मतदाताओं को विश्वास दिलाया कि उनका वोट सुरक्षित है।

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