मालविका अय्यर ने अपने दोनों हाथ एक बम धमाके में खो देने के बाद भी कभी हार नहीं मानी। 30 वर्षीय मालविका आज एक मोटिवेशनल स्पीकर हैं।
मालविका ने विश्व महिला दिवस के अवसर पर अपनी कहानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर की है।
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने #SheInspiresUs मुहिम के तहत 7 महिलाओं को अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स दिए हैं। पीएम मोदी के सोशल मीडिया एकाउंट पर मालविका अय्यर ने अपने जीवन की कहानी का एक वीडियो शेयर किया है। मालविका अय्यर ने अपनी कहानी में बताया कि उन्होंने 13 साल की उम्र में बीकानेर बम धमाके में अपने दोनों हाथ खो दिए थे। इस धमाके में मालविका के दोनों पैर भी बुरी तरह घायल हो गए थे।
अपने दोनों हाथ नहीं होने के बाद भी मालविका ने कभी हार नहीं मानी। आज मालविका एक मोटिवेशनल स्पीकर है और दिव्यांगों के हक की लड़ाई लड़ रही है।
Acceptance is the greatest reward we can give to ourselves. We can’t control our lives but we surely can control our attitude towards life. At the end of the day, it is how we survive our challenges that matters most.
Know more about me and my work- @MalvikaIyer #SheInspiresUs pic.twitter.com/T3RrBea7T9
— Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2020
पीएम मोदी के सोशल मीडिया एकाउंट पर अपनी कहानी शेयर करते हुए मालविका ने लिखा ,” स्वीकृति सबसे बड़ा इनाम है जो हम खुद को दे सकते हैं। हम अपने जीवन को नियंत्रित नहीं कर सकते। लेकिन निश्चित रूप से हम अपने जीवन के प्रति दृष्टिकोण को नियंत्रित कर सकते हैं। आखिर में केवल यही बात मायने रखती है कि हम अपनी चुनौतियों का सामना किस प्रकार कर सकते हैं। ”
पीएम मोदी के सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर किए गए वीडियो में मालविका अय्यर ने कहा,” इस हादसे के बाद मुझे केवल शिक्षा की मदद से आत्मविश्वास वापिस मिला। मैं एक कोचिंग सेंटर में पढ़ती थी। मैंने एक राइटर की मदद से दसवीं की परीक्षा 97 फ़ीसदी अंको के साथ पास की थी। जिसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। “