Cyber Police ने डिजिटल अरेस्ट शख्स को किया रेस्क्यू, मौके पर पहुंचकर करोड़ों की ठगी रोकी
नवम्बर 11, 2024 | by pillar
Cyber Police: मध्य प्रदेश के भोपाल में साइबर पुलिस की तत्काल काईवाई के कारण करोड़ों रुपए की ठगी रुकी। जालसाजों ने योगेश ओबरॉय नामक शख्स को अपने जाल में फंसा रखा था।
Cyber Police का पहला डिजिटल अरेस्ट रेस्क्यू
मध्य प्रदेश के भोपाल में साइबर पुलिस की तत्काल काईवाई के कारण एक शख्स को करोड़ों रुपए की ठगी से बचाया गया। भोपाल को अरोड़ा कॉलोनी निवासी योगेश ओबरॉय नाम के शख्स को जालसाजों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया था। स्कैमर्स ने ओबरॉय को छह घंटे तक अपने जाल में फंसाकर रखा हुआ था।
Cyber Police को मिला था अलर्ट
मध्य प्रदेश राज्य साइबर सेल के एडीजी योगेश देशमुख ने इस बारे में जानकारी दी। पुलिस अधिकारी देशमुख ने बताया कि उन्हें योगेश ओबरॉय नाम के शख्स के डिजिटल अरेस्ट होने का अलर्ट मिला। शख्स को स्कैमर्स ने डिजिटल अरेस्ट किया हुआ था।
Cyber Police अधिकारी एडीजीपी के निर्देश पर हुआ एक्शन
अलर्ट मिलने के बाद एडीजीपी देशमुख ने डीआईजी एम युसूफ कुरैशी को योगेश को डिजिटल अरेस्ट से बचाने के निर्देश दिए। डीआईजी कुरैशी ने तुरंत पुलिस टीम भेजकर पीड़ित को जालसाजों के जाल से बचाया।
जैसे ही साइबर पुलिस मौके पर पहुंची तो पाया कि योगेश ओबरॉय अपने कमरे में बंद था। जिसे जालसाज मानसिक रूप से प्रताड़ित कर ठगने की कोशिश में लगे हुए थे।
साइबर ब्रांच ने किया डिजिटल अरेस्ट गैंग का भंडाफोड़
पुलिस अधिकारी देशमुख के अनुसार, जालसाजों ने खुद को सीबीआई, ट्राई और मुंबई पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी बताया था। उन्होंने योगेश ओबरॉय को वित्तीय घोटालों में शामिल होने के आरोप लगाकर डराया धमकाया। जालसाजों ने ओबरॉय को ऑनलाइन अपने फर्जी आई कार्ड दिखाए। जिनमें से एक ने खुद को भारतीय दूरसंचार विनियामक, दूसरे ने क्राइम ब्रांच और एक अन्य ने पुलिस इंस्पेक्टर विक्रम सिंह बताया। एक अन्य ठग ने खुद को सीबीआई अधिकारी महेश बताया।
ऑनलाइन ठगों ने योगेश ओबरॉय के आधार कार्ड की डिटेल और फर्जी बैंक खातों को ऑनलाइन दिखाकर डराने की कोशिश की। ठगों के जाल में फंसा हुआ योगेश बहुत ज्यादा डरा हुआ था। अगर पुलिस सही समय पर एक्शन नहीं ले पाती तो पीड़ित को करोड़ों रुपए का चुना लगने ही वाला था।
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही साइबर पुलिस की टीम योगेश के घर पर पहुंची, पीड़ित से ठग ऑनलाइन बात कर रहे थे। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने योगेश के हाथ से मोबाइल लेकर जालसाजों से बात करने की कोशिश की। पुलिस टीम ने सभी स्कैमर्स से उनके आई कार्ड दिखाने के लिए कहा। इसके तुरंत बाद जालसाजों ने फोन काट दिया।
हालांकि, फिलहाल इस मामले में कोई गिरफ्तारी तो नहीं हो पाई लेकिन पुलिस के कार्रवाई के कारण योगेश ओबरॉय करोड़ों की ठगी होने से बच गया। देश में शायद ये पहला मामला है, जब साइबर अपराध शाखा ने ऑन द स्पॉट पहुंचकर किसी शख्स को ठगों के जाल से रेस्क्यू किया है।
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