Site icon www.4Pillar.news

COVID 19 से भी 100 गुना घातक है H5N1, 52 फीसदी की हो जाती है मौत

COVID 19 से भी 100 गुना घातक है H5N1, 52 फीसदी की हो जाती है मौत

H5N1 वायरस पहली बार 1996 में चीन के पक्षियों में पाया गया था। यह 2019 में आई महामारी COVID 19 से 100 गुना घातक है। अब तक दुनिया भर में Bird Flu H5N1 के कुल 887 मामले सामने आए हैं। जिनमें से 462  की मौत हो गई है। H5N1 पहली बार अंटार्टिका में अमेरिकी बायोलैब में पाया गया था। इसी लैब में इस वायरस के लिए एक टीका विकसित किया गया था।

डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने एच5एन1 को लेकर चिंता जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बिमारी कोरोनावायरस महामारी से 100 गुना अधिक खतरनाक है। इस बिमारी से ग्रसित 50 फीसदी से भी अधिक मरीजों की मौत हो जाती है। वायरस का संक्रमण स्तर गंभीर हो सकता है और यह एक वैश्विक महामारी बन सकता है। कनाडा स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी बायोनियाग्रा के संस्थापक जॉन फुलटन ने कहा,” अगर एच5एन1 महामारी का रूप लेता है तो यह काफी गंभीर होगा। यह कोरोना से 100 गुना अधिक खराब है। यह कोरोनावायरस से काफी घातक है। ”

बर्ड फ्लू के शोधकर्ता सुरेश कुचिपुड़ी ने H5N1 वायरस को लेकर लोगों को चेताया है। उन्होंने कहा कि यह महामारी पैदा करने की क्षमता रखता है। यह इंसानों के साथ-साथ स्तनधारी जानवरों में भी संक्रमण फैला सकता है।

वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) के अनुसार, 2003 के बाद एच5एन1 बर्ड फ्लू से पीड़ित 100 लोगों में से 52 फीसदी की मौत हो चुकी है। इसके अभी तक 887 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 462 मरीजों की मौत हो गई है।

H5N1 एवियन इन्फ्लुएंजा का एक सब-वेरिएंट है जो बर्ड फ्लू वायरस समूह का एक हिस्सा है। यह इंसानों के अलावा स्तनधारी जानवरों में भी पाया जाता है। यह एक ध्रुव से दूसरे ध्रुव तक फ़ैल रहा है।

Exit mobile version