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बालिग को अपनी पसंद का जीवनसाथी चुनने का अधिकार है, भले ही धर्म कोई भी हो: इलाहाबाद हाई कोर्ट

सितम्बर 17, 2021 | by

Adult has right to choose life partner of his choice, irrespective of religion: Allahabad High Court

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि विपरीत धर्म होने के बावजूद भी बालिग़ को अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने का अधिकार है। ऐसे बालिग़ जोड़े के वैवाहिक संबंधों पर किसी को भी आपत्ति जाहिर करने का अधिकार नहीं है। अदालत ने दो अलग-अलग धर्मों के बालिग युगल की शादीशुदा जिंदगी में किसी के हस्तक्षेप करने पर रोक लगा दी है। पुलिस को दोनों की सुरक्षा करने का निर्देश दिया गया है।

हाईकोर्ट ने है कि कहा है कि दोनों के माता-पिता को भी उनके जीवन में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। यह फैसला जस्टिस एनके गुप्ता और जस्टिस दीपक वर्मा की पीठ ने शिफा हसन और दूसरों की याचिका पर दिया है। शिफा हसन ने हिंदू लड़के से प्रेम विवाह कर लिया है और मुस्लिम से हिंदू धर्म अपनाने के लिए गोरखपुर के जिलाधिकारी से परमिशन मांगी है ।

जिलाधिकारी ने पुलिस स्टेशन से रिपोर्ट मांगी है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार लड़के का पिता इस शादी के लिए राजी नहीं है। लेकिन उसकी मां अपनी बहू को अपनाने के लिए तैयार है। वही लड़की के माता-पिता दोनों दोनों ही राजी नहीं है। अपने जीवन को खतरे में देखते हुए प्रेमी युगल ने हाईकोर्ट की शरण लेते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई है।

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