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किसान नेता राकेश टिकैत ने अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन से लगाई पीएम मोदी से कृषि बिल पर बात करने की गुहार

केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि किसानों के खिलाफ देश भर के किसान पिछले 11 महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन का असर अब विश्व्यापी नजर आने लगा है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों पर बात करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन से गुहार लगाई है। 

केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर के किसान पिछले 11 महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन का असर अब विश्व्यापी नजर आने लगा है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों पर पीएम मोदी से बात करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन से गुहार लगाई है।

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन 

पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों का देश भर में विरोध हो रहा है। देश के किसान पिछले 11 महीने से इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। खासतौर से पंजाब,हरियाणा ,उत्तर प्रदेश ,राजस्थान और महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के किसान इन कृषि कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। हालांकि इसी बीच केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है,लेकिन बेनतीजा रही। किसानों की मांग है कि पारित किए  कृषि कानूनों को सिरे ही ख़ारिज किया जाए। जबकि केंद्र सरकार इन कानूनों के फायदे गिना रही है। इन सबसे इतर राष्ट्रीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन से इस मसले पर गौर करने की गुहार लगाई है।

किसान नेता राकेश टिकैत ने एक ट्वीट कर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन से गुहार लगाते हुए लिखा ,” प्रिय,जो बिडेन, हम भारतीय किसान पीएम मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। पिछले 11 महीने में विरोध प्रदर्शन में 700 किसानों की मौत हो चुकी है। हमें बचाने के लिए इन काले कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए। कृपया पीएम मोदी से मिलते समय हमारी चिंता पर ध्यान दें। ” राकेश टिकैत ने ये ट्वीट ऐसे समय में किया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 दिवसीय अमेरिकी यात्रा पर हैं। पीएम मोदी अपनी अमेरिका की यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन से भी मिलेंगे। अब देखना यह होगा कि क्या यूएस राष्ट्रपति भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर भी कोई बात करेंगे या नहीं।

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