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Tokyo Olympic 2020: टोक्यो ओलंपिक कुश्ती के फाइनल मुकाबले में भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया ने सिल्वर मेडल जीतकर दोहराया इतिहास

टोक्यो ओलंपिक 2020 के फाइनल में दो बार विश्व चैंपियन रह चुके रूस के पहलवान ने रवि कुमार दहिया को 7-4 से हरा दिया है। रवि कुमार इस हार के साथ ही गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए। रवि कुमार लगातार आक्रामक रहे. लेकिन उनके ज्यादातर दावपेंच रशियन पहलवान के खिलाफ खाली गए। लेकिन हार कर भी रवि कुमार ने भारत को चांदी दिलाई।

टोक्यो ओलंपिक 2020 के फाइनल में दो बार विश्व चैंपियन रह चुके रूस के पहलवान ने रवि कुमार दहिया को 7-4 से हरा दिया है। रवि कुमार इस हार के साथ ही गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए। रवि कुमार लगातार आक्रामक रहे. लेकिन उनके ज्यादातर दावपेंच रशियन पहलवान के खिलाफ खाली गए। लेकिन हार कर भी रवि कुमार ने भारत को चांदी दिलाई।

रुसी पहलवान से हारे रवि कुमार 

टोक्यो ओलंपिक की दंगल मेट पर भारत के रवी दहिया फाइनल मुकाबले में सुनहरा दाव लगाने से चूक गए। दहिया कुश्ती के फाइनल में दो बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुके रूस के पहलवान जुरेव से 7-4 से हार गए। दोनों पहलवानों के बीच कड़ा और रोमांचक मुकाबला देखने को मिला।  रूस के पहलवान ने अपने जोरदार डिफेंस से बता दिया कि क्यों वह वर्ल्ड चैंपियन है। भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया लगातार आक्रामक मोड में रहे। लेकिन उनके ज्यादातर दाव रशियन पहलवान के ऊपर खाली गए।

दोनों खिलाडियों के बीच कड़ा मुकाबला रहा 

मुकाबले की शुरुआत में रूसी पहलवान जुरेव ने एक-एक करके दो अंक हासिल किए। इसके बाद रवि कुमार दहिया ने विरोधी पहलवान को धोबी पाट देकर दो अंक बटोरे। दोनों के बीच पहला राउंड खत्म होने के बाद रूसी पहलवान का पलड़ा भारी रहा। क्योंकि Zavur Uguev के पास बढ़त थी। दूसरे राउंड में भी रूस के पहलवान  ने दहिया के हमलों को लगातार नाकाम किया। इसी बीच विरोधी पहलवान ने और अंक बटोर लिए। दोनों के बीच फासला 7-2 का था। इस को कम करने की कोशिश में रवि दहिया ने रूसी पहलवान को चित कर दो और अंक बटोर लिए। लेकिन वह गोल्डन गांव नहीं लगा पाए।

सुशील कुमार ने लंदन ओलंपिक में जीता था भारत के लिए पहला सिल्वर मेडल 

आपको बता दें और ओलंपिक के दंगल में सिल्वर मेडल जीतने वाले रवि कुमार दूसरे भारतीय पहलवान बन गए हैं। उनसे पहले भारत के सुशील कुमार ने यह करिश्मा लंदन ओलंपिक में किया था। सुशील कुमार ने लंदन ओलंपिक में साल 2018 में बीजिंग में जीते अपने कांस्य पदक का रंग बदला था।

सुशील कुमार के दांवपेच देखकर ही रवि दहिया कुश्ती में आए थे. रवि कुमार सुशील को अपना आदर्श मानते हैं। हालांकि उनकी कोशिश तो  मुकाबले में अपने आदर्श को पीछे छोड़ने की थी। लेकिन सिर्फ वह उसको दोहरा कर रह गए। आज जो रवि दहिया ने टोक्यो में करके दिखाया है वही सुशील कुमार ने लंदन में किया था।

हालांकि रवि दहिया भारत के लिए गोल्ड तो नहीं ला पाए, लेकिन उनके द्वारा इतिहास दोहराया गया। रवी दहिया के इस रोमांचक मुकाबले की पूरा देश खूब तारीफ कर रहा है। लोग सोशल मीडिया पर उन्हें सिल्वर मेडल जीतने की बधाइयां दे रहे हैं।

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