Mehul Choksi News: पीएनबी बैंक सहित कई भारतीय बैंकों को 13 हजार करोड़ से अधिक का चूना लगाने वाले मेहुल चोकसी को अब इंटरपोल ने बड़ी राहत दी है। अंतराष्ट्रीय पुलिस ने मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी रेड कार्नर नोटिस को वापस ले लिया है। इंटरपोल ने ये फैसला SEBI की तरफ से केस बंद करने के बाद लिया है।
13500 करोड़ के बैंक घोटाले में वांछित भगोड़े मेहुल चोकसी को इंटरपोल ने बड़ी राहत दी है। बिज़नेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, मेहुल चोकसी को एंटीगुआ की नागरिकता मिल गई है। एंटीगुआ सरकार ने मेहुल चोकसी की नागरिकता के बारे में कहा कि मेहुल चोकसी का बैकग्राउंड चेक करने और भारत सरकार के अधिकारीयों से क्लीन चिट मिलने के बाद उसे नागरिकता दी गई है। एंटीगुआ और बारबुडा की CIU ने कहा कि मेहुल चोकसी का बैकग्राउंड खंगालने पर यह पाया गया कि सेबी ने उसके खिलाफ दो बार जांच करने के बाद केस बंद कर दिया था।
कैसे मिली राहत ?
मेहुल चोकसी ने इंटरपोल के सामने यह दावा किया कि उसे 2021 में RAW ने अगवाह कर लिया था। किडनैप के बाद उसे डोमिनिका ले जाया गया था, जहां से उसे भारत लाया जाना था। मेहुल के इस तर्क को समझते हुए उसे इंटरपोल ने राहत दी है। भगोड़े के खिलाफ जो रेड कार्नर जारी किया गया था उसे वापिस ले लिया गया है। इंटरपोल की तरफ राहत मिलने के बाद अब मेहुल चोकसी पूरी दुनिया में आजाद घूम सकता है। यह भी कहा गया कि भारतीय एजेंसियों ने इंटरपोल के फैसले का विरोध किया था
किडनैप हुआ था ?
मेहुल चोकसी को इंटरपोल के सामने किडनैपिंग वाले दावे की वजह से राहत मिली है। दरअसल, 23 मई 2021 को मेहुल चोकसी अपने एंटीगुआ वाले घर से गायब हो गया था। शुरू में दावा किया गया था कि चोकसी घर छोड़कर भाग गया है। लेकिन मेहुल ने दावा किया था कि उसे रॉ ने किडनैप किया था और भारत वापस लाने की कोशिश की गई थी।
क्या है घोटाला ?
बता दें, जनवरी 2018 में पंजाब नेशनल बैंक में 13 हजार करोड़ से अधिक का घोटाला होने का खुलासा हुआ था। इस मामले में सीबीआई ने 30 जनवरी 2018 एफआईआर दर्ज की थी। लेकिन सीबीआई की कार्रवाई से पहले ही मेहुल चोकसी भारत छोड़कर भाग गया था। तब से उसे भारत वापस लाने की कोशिश जारी है।