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बेंगलुरु में COVID 19 के कारण मरे मरीज की ऑटोप्सी में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए

भारत के बेंगलुरु में कोरोना वायरस महामारी के कारण 60 वर्षीय एक मरीज की मौत हो गई। जिसका डॉक्टरों ने ऑटोप्सी किया। मृतक के ऑटोप्सी में कईं चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

बेंगलुरु के ऑक्सफ़ोर्ड मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक मेडिसिन चीफ डॉक्टर दिनेश राव ने (भारत में पहला) कोविड मृतक का ऑटोप्सी किया है। साठ वर्षीय पुरुष शव का परीक्षण बुधवार के दिन किया गया। ऑटोप्सी के दौरान डॉक्टर राव ने देखा कि आमतौर पर स्पंज की गेंद की तरह नरम रहने वाले फेफड़े चमड़े की तरह सख्त थे।

कोवीड मृतक की ऑटोप्सी (शव परीक्षण ) के बाद डॉक्टर राव ने कहा ,” आमतौर पर एक आदमी के फेफड़े 600 से 700 ग्राम तक के होते हैं लेकिन मृतक के फेफड़े 2.10 किलो ग्राम के थे। उनकी बनावट चमड़े जैसी थी। फेफड़ों पर खून के थक्के जमे हुए थे। देखकर बहुत आश्चर्य हुआ कि कोरोना वायरस ने फेफड़ों के साथ क्या किया है। ”

फोरेंसिक एक्सपर्ट,डॉक्टर राव को कोरोना मृतक की मौत के 15 घंटे बाद, शव की त्वचा ,गर्दन श्वसन मार्ग पर वायरस का कोई निशान नजर नहीं आया। यानि स्वैब टेस्ट से वायरस का कोई निशान नहीं मिला। लेकिन आरटी-पीसीआर टेस्ट में मरीज की मौत के 18 घंटे बाद वायरस गले और नाक में छिपा हुआ पाया गया।

डॉक्टर राव ने शव का परीक्षण 10 अक्टूबर को किया था। उनका ऑपरेशन एक घंटा 10 मिनट तक चला था। ऑटोप्सी को मृतक के परिजनों की अनुमति के बाद किया गया था।

डॉक्टर दिनेश राव ने यह बताया कि वायरस का फेफड़ों पर हमला करने का तरीका भारत में दुनिया के दूसरे देशों से अलग है। बीमारी को समझने के लिए ज्यादा परीक्षण की जरूरत है।

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