टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा फिल्म काली के पोस्टर को लेकर छिड़े विवाद पर कहा कि मैं अपने ब्यान पर कायम हूं। कहीं भी FIR दर्ज करा लो , मैं कोर्ट में मिलूंगी। मेरे लिए काली मीट और शराब स्वीकार करने वाली देवी है। हालांकि महुआ के इस ब्यान के बाद सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने दुरी बनाते हुए कड़ी निंदा की थी और कहा था कि ये उनके अपने विचार हैं ,पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है।
महुआ के खिलाफ शिकायतें दर्ज
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा मां काली पर दिए गए ब्यान के बाद हंगामा बढ़ता नजर आ रहा है। बीजेपी ने इस ब्यान का विरोध किया है और देश के कई पुलिस थानों में शिकायतें दर्ज कराई हैं। इन सबके बावजूद भी महुआ अपने ब्यान पर तटस्थ है। TMC सांसद ने कहा कि मैं अपने ब्यान का बचाव मरते दम तक करती रहूंगी। मैं ऐसा भारत नहीं चाहती , जहां सिर्फ बीजेपी का पितृसत्तामक ब्राह्मणवादी दृष्टिकोण हावी रहेगा और बाकि लोग धर्म के इर्द गिर्द घूमते रहेंगे।
सांसद ने दिए कई उदाहरण
दरअसल , कोलकाता में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने पहुंची कृष्णानगर से सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा था ,” ये लोगों पर निर्भर करता है कि वे अपने देवी देवताओं को किस रूप में देखते हैं। ” उन्होंने भूटान का उदाहरण देते हुए कहा ,” अगर आप भूटान जाते हैं तो वहां पाते हैं कि लोग अपने देवी देवताओं को मदिरा का भोग लगाते हैं। इसके साथ उन्होंने उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल का भी उदाहरण दिया।
महुआ मोइत्रा ने कहा कि लोगों को अपनी इच्छा अनुसार अपने देवी देवताओं की कल्पना करने का हक है। मेरे लिए काली मां , मास का भक्षण करने वाली और मदिरा स्वीकार करने वाली देवी है। अगर आप पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले की शक्तिपीठ तारकपीठ जायेंगे तो आप वहां साधुओं को धूम्रपान करते हुए देखेंगे। मुझे हिन्दू होने पर ,काली उपासक होने के नाते माता के उस तरीके की कल्पना करने का अधिकार है।
कहां से शुरू हुआ विवाद ?
बता दें ,यह विवाद फिल्ममेकर लीना मणिमेकलइ की डॉक्यूमेंट्री काली के पोस्टर से शुरू हुआ था। फिल्म के पोस्टर में काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था। लीना कनाडा में रहती है। वह कई सालों से डाक्यूमेंट्री बना रही है 2 जुलाई को काली का पोस्टर रिलीज हुआ था। जिसके बाद विवाद शुरू हो गया था।