दुनिया भर के कई रईस लोगों ने चांद पर प्लॉट खरीदे हुए हैं। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के बारे में भी ऐसी खबर आई थी कि उनका चांद पर प्लॉट है। लेकिन दूसरे ग्रह पर जमीन खरीद कर घर बनाना, कितना आसान है ? आइये जानते हैं, कुछ जरूरी बातें।
आज की विज्ञान की इस दुनिया में चांद पर पहुंचना ज्यादा मुश्किल काम नहीं है। भारत, चीन, अमेरिका, फ्रांस और जापान समेत कई देशों के अंतरिक्ष यात्री चांद की सतह पर कदम रख चुके हैं। कई देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां चन्द्रमा की सतह पर जीवन की तलाश कर रही है। इसी कड़ी में भारत ने चांद की सतह पर चंद्रयान 3 की सॉफ्ट लैंडिंग कराई थी। इस मिशन का मकसद चांद पर पानी और जीवन की तलाश सहित कई अन्य खोजें करना था। भारत का यह मिशन सफल रहा।
सुशांत सिंह राजपूत ने चांद पर खरीदा प्लॉट
अब बात करते हैं, दूसरे ग्रह पर जमीन खरीदकर वहां मकान बनाने की। आपने कई खबरों में पढ़ा होगा कि कई लोगों ने चांद की सतह पर प्लॉट खरीदे हुए हैं। ऐसी ही एक खबर बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के बारे में भी आई थी। आज से चार साल पहले उनके निधन के बाद ऐसी खबर आई थी कि उनका चांद पर एक प्लॉट है।
चांद पर जमीन कौन खरीद सकता है ?
दरअसल, 1967 के बाहरी अंतरिक्ष समझौते के अनुसार चांद की जमीन पर किसी भी देश का एकाधिकार नहीं है। इस समझौते पर लगभग 110 देशों के हस्ताक्षर हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो ब्रह्मांड पूरी मानव जाति का है। इस पर किसी देश या एजेंसी का एकाधिकार नहीं है। चन्द्रमा पर जमीन का मालिकाना हक ऐसे ही किसी को नहीं दिया जा सकता।
हालांकि, पिछले कई वर्षों से चांद के ऊपर जमीन बेचीं जा रही है। लूना सोसायटी इंटरनेशनल और लूनर लैंड्स रजिस्ट्री के जरिए चांद पर प्लॉट बेचे जा रहे हैं। लेकिन इसको सरकारी मान्यता प्राप्त नहीं है। जब दूसरे ग्रह पर किसी का एकाधिकार नहीं है तो ऐसे में वहां की जमीन कैसे बेचीं जा सकती है ? ये एक बड़ा सवाल है।
नासा बनाएगा चांद पर घर
चन्द्रमा की सतह पर अभी तक किसी व्यक्ति या एजेंसी ने घर नहीं बनाया है। फ़िलहाल चांद पर जीवन-पानी की तलाश जारी है। चांद पर जीवन के लिए जरूरी साधन न होने के कारण घर बनाने जैसी बातें करना फिलहाल नामुमकिन है। हालांकि, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने 2040 चांद पर घर बनाने का लक्ष्य रखा। नासा वहां 3D प्रिंटर के जरिए घर बनाने की योजना बना रहा है। नासा इस पर शोध कर रहा है।