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अडानी ग्रुप के लिए स्पेशल LIC स्कीम; वाशिंगटन पोस्ट का बड़ा खुलासा

LIC Scheme for Adani Group

LIC Scheme for Adani Group: वाशिंगटन पोस्ट ने अडानी समूह और LIC के बीच हुए गुप्त समझौते को लेकर बड़ा खुलासा किया है।  योजना अडानी ग्रुप को वित्तीय संकट से उबारने के लिए बनाई गई थी।

अडानी ग्रुप के लिए 3.9 अरब डॉलर की LIC योजना

वाशिंगटन पोस्ट ने 24 अक्टूबर 2025 को एक विशेष जांच रिपोर्ट प्रकाशित की। जिसमें खुलासा किया गया कि भारतीय अधिकारियों ने लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) से लगभग 3.9 अरब डॉलर (करीब 32,000 करोड़ रुपये) को गौतम अदानी के स्वामित्व वाले अदानी ग्रुप के व्यवसायों में निवेश करने की एक गुप्त योजना तैयार की। यह योजना अदानी ग्रुप को वित्तीय संकट से उबारने के लिए बनाई गई थी, खासकर अमेरिकी ब्राइबरी और धोखाधड़ी के आरोपों के बाद जब अंतरराष्ट्रीय बैंक उनके साथ नए लोन देने से हिचकिचाने लगे थे।

LIC Scheme for Adani Group

गौतम अदानी, भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। जिनकी टोटल नेट वर्थ लगभग 90 अरब डॉलर के करीब है। वे अदानी ग्रुप के चेयरमैन हैं। उनका साम्राज्य कोयला खदानों, हवाई अड्डों, बंदरगाहों और हरित ऊर्जा परियोजनाओं जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है।

LIC Scheme for Adani Group: गौतम अदानी पर ब्राइबरी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप

2024 में अमेरिकी अधिकारियों ने अदानी पर ब्राइबरी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए। जिसके बाद वैश्विक बैंक (जैसे अमेरिकी और यूरोपीय बैंक) ने अदानी ग्रुप को नए क्रेडिट देने से इनकार कर दिया। नवंबर 2024 तक इन बैंकों ने अदानी को ताजा फंडिंग रोकने पर विचार किया।

LIC Scheme for Adani Group: अदानी के वित्तीय संकट

अदानी के वित्तीय संकट के बीच, 2025 में भारतीय अधिकारियों ने एक योजना तैयार की। वाशिंगटन पोस्ट को मिले आंतरिक दस्तावेजों से पता चलता है कि सरकार ने LIC को अदानी के व्यवसायों में निवेश करने के लिए निर्देशित किया। LIC, जो भारत की सबसे बड़ी राज्य-स्वामित्व वाली जीवन बीमा कंपनी है ने इस योजना के तहत अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (Adani Ports) के एक 585 मिलियन डॉलर (करीब 4,900 करोड़ रुपये) के बॉन्ड को रिफाइनेंस करने में निवेश किया। कुल मिलाकर, यह निवेश 3.9 अरब डॉलर तक पहुंच गया। जो अदानी ग्रुप की कर्ज चुकाने और विस्तार को सहारा देने के लिए था।

LIC Scheme for Adani Group: अडानी ग्रुप पर कर्ज का बोझ

रिपोर्ट के अनुसार, यह योजना तब अमल में आई जब अदानी ग्रुप पर कर्ज का बोझ तेजी से बढ़ रहा था और बिलों की अदायगी का दबाव था। अधिकारियों ने LIC को “चुपचाप समर्थन” देने का निर्देश दिया, भले ही अदानी पर विदेशी कानूनी मुकदमे चल रहे थे।

LIC Scheme for Adani Group: अडानी ग्रुप योजना का मुख्य लाभार्थी

अडानी और अडानी ग्रुप योजना का मुख्य लाभार्थी है। अदानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी सहयोगी माना जाता है और उनका ग्रुप भारत की कई प्रमुख परियोजनाओं (जैसे बंदरगाह और ऊर्जा) में शामिल है। रिपोर्ट में अदानी को “मोदी के अमीर सहयोगी” के रूप में वर्णित किया गया है, जो उनकी निकटता को रेखांकित करता है।

वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य-स्वामित्व वाली संस्था, जिसके पास करोड़ों भारतीयों के प्रीमियम जमा हैं। इसे अदानी के निवेश के लिए “मुख्य समर्थक” बनाया गया।नाम नहीं  उजागर किए गए, लेकिन आंतरिक दस्तावेजों से स्पष्ट है कि उन्होंने योजना का पर्यवेक्षण किया गया।

LIC Scheme for Adani Group: रिपोर्ट में आंतरिक दस्तावेजों का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया: “भारतीय अधिकारियों ने LIC से अरबों डॉलर को अदानी के व्यवसायों में निर्देशित करने की योजना का पर्यवेक्षण किया।” हालांकि, अधिकारियों के प्रत्यक्ष उद्धरण नहीं दिए गए, लेकिन दस्तावेजों से योजना की गुप्त प्रकृति स्पष्ट है।

LIC Scheme for Adani Group: यह खुलासा क्रोनी कैपिटलिज्म (सत्ता और पूंजी के गठजोड़) पर सवाल खड़े करता है। आलोचकों का कहना है कि सार्वजनिक धन (LIC के प्रीमियम) का उपयोग एक निजी साम्राज्य को बचाने के लिए किया गया। जबकि अदानी पर विदेशी आरोप लगे हुए थे। यह भारत की आर्थिक नीतियों पर बहस का विषय बन गया  है।  खासकर कोयला और हरित ऊर्जा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में। विपक्षी दल इसे मोदी सरकार की “अदानी को संरक्षण” की नीति बता रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह भारत की कॉर्पोरेट गवर्नेंस और निवेशक विश्वास पर असर डाल सकता है।

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