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मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी करते हैं लोगों के दिलों पर राज

टीम इंडिया के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भले ही साल 2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके हों लेकिन आज भी उनकी लोकप्रियता कम नहीं हुई है।

क्रिकेट के भगवान हैं सचिन तेंदुलकर

सचिन का अपनालय एनजीओ है

राज्यसभा सांसद रह चुके हैं सचिन

टीम इंडिया के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भले ही साल 2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके हों लेकिन आज भी उनकी लोकप्रियता कम नहीं हुई है।

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। भारत जैसे देश में जहां क्रिकेट को लेकर ग़जब का जुनून है, सचिन को क्रिकेट के भगवान का दर्जा हासिल है। सचिन जब क्रिकेट के मैदान में उतरते थे तो लोग टीवी के सामने चिपककर बैठ जाते थे।

भले ही टार्गेट कितना भी बड़ा क्यों ना हो लेकिन फैंस को टीम इंडिया की जीत की पूरी उम्मीद रहती थी। सचिन ने लगातार 25 साल तक देश को कई जीते दिलाई। साल 2013 में क्रिकेट से संन्यास ले चुके सचिन तेंदुलकर अपने सामाजिक कार्यों के लिए लोगों के दिलों पर राज करते हैं।

राज्यसभा सांसद रहे चुके सचिन तेंदुलकर चैरिटी वर्क में भी हिस्सा लेते रहते हैं। भारत रत्न से नवाजे जा चुके सचिन कई ऐसी जन कल्याण संस्थाओं से जुड़े हुए हैं जो लोगों की भलाई के लिए काम करती हैं।

उनका मुंबई में एक एनजीओ भी है। जिसका नाम अपनालय है। इस एनजीओ के द्वारा सचिन करीब 200 बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाते हैं।

सचिन तेंदुलकर के अनुसार ज़रूरतमंद लोगों के मदद के लिए हमेशा आगे रहने की प्रेरणा उन्हें उनके पिता स्वर्गीय रमेश तेंदुलकर से मिली है।

उनके पिता कम वेतन में भी लोगों की मदद करके खुश रहते थे।एक बार सचिन के बचपन के दोस्त और पूर्व क्रिकेटर दलबीर का अहमदाबाद में एक्सीडेंट हो गया था। सचिन अपने व्यस्त होने के बाद भी दोस्त से मिलने गए और अस्पताल का सारा खर्च भी खुद वहन किया।

क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर के कई रिकॉर्ड हैं। वे एकदिवसीय मैच में दोहरा शतक जमाने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक लगाने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है। 200 टेस्ट मैच खेलने वाले वे दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी हैं। सचिन ने 200 टेस्ट मैच में 15921 रन बनाए हैं।

उन्होंने वन डे इंटरनेशनल मैचों में 18426 रन बनाए हैं। उनके कई रिकॉर्ड ऐसे हैं ,जिनको कोई नहीं तोड़ सकता। इस तरह सचिन तेंदुलकर भले ही अब क्रिकेट सभी फ़ॉर्मेट को अलविदा बोल चुके हों लेकिन लोगों के दिलों में उनके लिए आज भी उतनी ही जगह है।

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