Hindenburg Adani Case: हिंडनबर्ग मामले में अडानी समुग के प्रमुख Gautam Adani को Supreme Court से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मामला SIT को सौंपने से इंकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में अपना फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि सेबी के नियामक क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पास सिमित शक्ति है। न्यायिक समीक्षा का दायरा यह देखना है कि क्या मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है। कोर्ट ने कहा कि सेबी को अपने नियमों को रद्द करने का निर्देश देने के लिए हमारे पास कोई वैध आधार नहीं है। SC ने कहा कि हिंडनबर्ग मामले को सेबी से एसआईटी को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में अडानी समूह के खिलाफ साल 2023 के शुरू में छपी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आधार पर याचिकाएं दाखिल की गई थी। इन याचिकाओं में मांग की गई थी कि अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच SIT या किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराई जाए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ , जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पादरीवाला की बेंच ने सुनवाई की। अदालत ने 24 नवंबर 2023 को दोनों पक्षों के दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसी मामले में आज बुधवार के दिन अदालत ने अपना फैसला सुनाया है।
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2 बाकि मामलों की जांच पूरी करे सेबी
हिंडनबर्ग-अडानी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया ( SEBI ) को तीन महीने एक अंदर दो बाकि मामलों की जांच करने का निर्देश दिया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि अडानी समूह प्रमुख गौतम अडानी ने अपने शेयरों में हेराफेरी की है। पिछले साल जनवरी महीने में हिंडनबर्ग की यह रिपोर्ट छपी थी। जिसके बाद अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। हालांकि, हिंडनबर्ग के इन आरोपों को अडानी समूह ने सिरे से नकार दिया था।
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गौतम अडानी का ट्वीट
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद अडानी समुख के प्रमुख गौतम अडानी ने ट्वीट ( एक्स ) किया। जिसमे उन्होंने लिखा,” सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है। मैं उन लोगों का धन्यवाद करता हूं, जो हमारे साथ खड़े रहे। “