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सच साबित हुई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट, अडानी ग्रुप के शेयरों में 85 फीसदी की गिरावट

Hindenburg report on Adani Groups and shares: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के एक महीने बाद भी अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट जारी है। एक महीने पहले हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए गौतम अडानी पर कई आरोप लगाए थे। नाथन एंडरसन के नेतृत्व वाली अमेरिकी शार्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के शेयरों में 85 फीसदी तक की गिरावट आने की बात कही थी। 24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप की सात कंपनियों के शेयरों को ओवर वैल्यूड बताया था।

Hindenburg report on Adani Groups and shares: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के एक महीने बाद भी अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट जारी है। एक महीने पहले हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए गौतम अडानी पर कई आरोप लगाए थे। नाथन एंडरसन के नेतृत्व वाली अमेरिकी शार्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के शेयरों में 85 फीसदी तक की गिरावट आने की बात कही थी। 24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप की सात कंपनियों के शेयरों को ओवर वैल्यूड बताया था। अब अडानी ग्रुप की मार्किट वैल्यू 100 अरब डॉलर से नीचे पहुंच गई है। अडानी खुद दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा धनी के शख्स से फिसलकर 29 वे स्थान पर आ चुके हैं।

गौतम अडानी के एकछत्र साम्राज्य की नीव हिलाने वाली अमेरिकी शार्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयर लगातार ढह रहे हैं। अडानी के साथ-साथ निवेशकों और एलआइसी जैसी सरकारी कंपनियों को भी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। नाथन एंडरसन के नेतृत्व वाली अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर 88 आरोप लगाए थे। जिनमें मनी लॉंन्ड्रिंग, बैंकों से कर्ज लेना और शेयरों में हेरफेर करना सहित कई आरोप थे। हिंडनबर्ग ने शेयरों में हेरफेर और कर्ज को लेकर अडानी ग्रुप पर 88 सवाल उठाते हुए अपनी रिपोर्ट पब्लिश की थी।

क्या है हिंडनबर्ग ?

साल 2017 में शुरू हुई हिंडनबर्ग कंपनी ने आज से एक महीना पहले यानि 24 जनवरी 2023 को अपनी रिपोर्ट पब्लिश की थी। जिसमें अडानी ग्रुप से 88 सवाल पूछे गए थे।

हिंडनबर्ग अब तक 16 बड़ी कंपनियों पर अपनी रिपोर्ट पेश कर चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा गौर करने वाली दो बातें हैं, यदि कंपनी की रिपोर्टों का रिकॉर्ड देखें तो हिंडनबर्ग द्वारा जारी की गई अधितर रिपोर्टें सच साबित हुई हैं। दूसरा, हिंडनबर्ग पहले किसी भी बड़ी कंपनी के हेरफेर, जालसाजी , घोटालों , मनी लॉन्ड्रिंग सहित विभिन्न पहलुओं पर रिसर्च करती है और बाद में इसे पब्लिश कर उसी कंपनी के शेयरों पर शार्ट सेलिंग करती है। यानि जितना किसी कंपनी के शेयर नीचे गिरेंगे उतना ही हिंडनबर्ग को फायदा होगा।

शार्ट सेलिंग कंपनी ने दावा किया था कि अडानी ग्रुप की शेयर मार्किट में लिस्टड 7 कंपनियों के 85 फीसदी शेयर ओवर वैल्यूड हैं। जैसा कि कंपनी ने अपने बयान में दावा किया था कि अडानी ग्रुप के शेयर 85 फीसदी तक गिरेंगे, हिंडनबर्ग की यह भविष्यवाणी सच साबित हुई है।

अर्श से फर्श पर अडानी

एक महीना पहले गिरना शुरू हुए अडानी ग्रुप के शेयरों ने सबसे ज्यादा गिरने का रिकॉर्ड बना दिया है। इसमें अडानी ग्रुप के, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी टोटल गैस, अडानी विल्मर, एसीसी सीमेंट, अडानी एंटप्राइजेज सहित सभी ग्रुपों के शेयर लगातार गिर रहे हैं।

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