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पेगासस मोबाइल जासूसी के लिए गठित होगी समिति, केंद्र सरकार ने SC को बताया

Pegasus Mobile: इजरायली कंपनी NSO द्वारा विकसित किया गए पेगासस सॉफ्टवेयर को लेकर सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच काफी गहमागहमी रही। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने भी सदन की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए चिंता जताई थी।

भारत में Pegasus Mobile जासूसी मामले की जांच होगी 

अब पेगासस जासूसी आरोपों के लिए एक समिति का गठन होगा। केंद्र सरकार ने यह बात सुप्रीम कोर्ट को बताई है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मोबाइल फोन में सेंध लगाने वाले पेगासस स्पाइवेयर से जासूसी के आरोपों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।

कईं संगठनों ने की थी जांच की मांग 

सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के चलते हुए सरकार ने यह जानकारी दी है। एडिटर्स गिल्ड सहित नौ अन्य की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेगासस जासूसी कांड को लेकर याचिका दायर की गई थी। याचिकाओं में मांग की गई थी कि इस सॉफ्टवेयर की खरीद करने वाले और इसके बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए एक समिति का गठन होना चाहिए। जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम द्वारा जांच कराने की मांग की गई है। कई संगठनों ने इसको लेकर सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

आईटी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल दो पेज के हलफनामे में यह कहा है। केंद्र सरकार ने हालांकि विपक्ष के आरोपों को गलत बताया है। जिसमें कहा गया है कि पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल विपक्षी दलों के नेताओं, आलोचकों ,मंत्रियों और पत्रकारों सहित अन्य हस्तियों की जासूसी करने के लिए किया गया। उनका कहना है कि कथित तौर पर इजराइल रक्षा कंपनी एनएसओ से यह स्पाईवेयर खरीदा गया है।

पेगासस जासूसी मामले को लेकर विपक्ष ने सदन में उठाया मुद्दा 

सेंट्रल गवर्नमेंट ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब पेगासस जासूसी सहित कई मुद्दों को लेकर संसद के पूरे मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी रही। और लगातार हंगामा होनी के कारण सदन का कामकाज ठीक ढंग से नहीं हो पाया।

राज्य सभा के सत्र के आखिरी दिन जो जो घटना देखने को मिली है। वह बहुत अप्रत्याशित थी। इस दौरान सदन में मार्शलों और महिला सांसदों के बीच धक्का-मुक्की को लेकर वीडियो फुटेज सामने आए हैं। वही प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने भी स्वतंत्रता दिवस से जुड़े एक समारोह में रविवार को दिन संसद में उचित तरीके से चर्चा ना होने को लेकर खेद जताया।

विश्व के कई देशों में चल रही है जांच 

इजरायली कंपनी एनएसओ द्वारा तैयार किया गया पेगासस जासूसी मुद्दा विश्व भर के तमाम देशों में सुर्खियों में है। यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस सहित कई देशों ने इसकी जांच को लेकर आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ताओं ने यह दलील भी दी है कि जब दूसरे देशों में इस को लेकर जांच हो रही है तो भारत में क्यों नहीं हो रही है। हालांकि रक्षा मंत्रालय ने अनेकों से इस तरह के स्पाइवेयर को लेकर कोई लेन-देन से स्पष्ट तौर पर इंकार किया है।

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