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टेस्ट मैचों में मौका ना मिलने पर युवराज सिंह का छलका दर्द, कहा-अब तो यह अगले जन्म में होगा

टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज युवराज सिंह ने कहा-मैं 7 साल तक 12वां खिलाड़ी बना रहा। उन्होंने वर्षों बाद अपने सीने में छुपा दर्द बयान किया और मैनेजमेंट पर भी अपना गुस्सा उतारा है ।

कभी-कभी ऐसे मौके आते हैं जब कोई अपने कैरियर में सफल होकर भी सफल नहीं हो पाता। यह बात युवराज सिंह के बारे में साफ तौर पर कही जा सकती है। उन्हें सफलता मिली तो कैंसर की बीमारी ने उन्हें तोड़ दिया । नतीजा यह रहा कि ऊंचाइयों को छूने की चाहत रखने वाले युवराज सिंह को उनके करियर में उतनी सफलता नहीं मिली जितनी उन्हें मिलनी चाहिए थी।

भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज युवराज सिंह का सालों बाद सीने में छिपा दर्द एक बार फिर सामने आया है। उन्होंने उस समय से के मैनेजमेंट पर अपना गुस्सा उतारा है। दिग्गज खिलाड़ी का कहना है कि उस समय उनकी अनदेखी की गई और उन्हें टेस्ट मैच खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले। आपको बता दें कि जहां युवराज सिंह ने अपने कैरियर की में 304 वनडे मुकाबले खेले हैं तो वहीं उन्होंने सिर्फ 40 टेस्ट मैच ही खेले हैं। हालांकि क्रिकेट प्रेमी और विश्लेषक इस बात पर अफसोस जताते रहे हैं।

ट्विटर अकाउंट पर एक वेबसाइट ‘विसडेन इंडिया’ ने अपने फॉलोवर्स से यह सवाल किया था कि आप के हिसाब से किस खिलाड़ी को ज्यादा टेस्ट मैच खेलने चाहिए थे। इस सवाल पर ज्यादातर लोगों ने युवराज सिंह का नाम बताया। ट्विटर पर युवराज सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा-संभवत: अगले जीवन में। जब मैं 7 साल तक 12वां खिलाड़ी बना रहा। युवराज सिंह का वनडे में औसत 36.55 का रहा और यह हकीकत है कि यह औसत भी उनकी काबिलियत से मेल नहीं खाता है उन्होंने अपने करियर में सिर्फ 40 टेस्ट मैच खेले हैं।

अपने बेबाक तेवरों के लिए प्रसिद्ध रहे युवराज सिंह ने इन टेस्ट मैचों में 33.92 के औरत से 1900 बनाएं । जिसमें युवराज सिंह ने 3 शतक 11 अर्धशतक बनाए।

हालांकि युवराज ने अपनी शुरुआती तीन पारियों में पाकिस्तान के खिलाफ 59 और 112 की पारियां खेलकर शुरुआत बहुत बेहतरीन की थी। चौथी पारी में भी उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 47 रन बनाए ।थे। लेकिन इसके बाद से  युवी के बल्ले की धार कम होती चली गई। टीम में जगह के लिए मुकाबला भी बहुत ही ज्यादा बड़ा होता है। ऐसे में वह यूं ही अंदर बाहर होते रहे। उनके आत्मविश्वास पर इस बात का असर पड़ा।

पाकिस्तान मैच के बाद युवराज सिंह को अगले साढ़े तीन साल में सिर्फ 15 टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला। लेकिन उनका टेस्ट करियर लंबा नहीं चल पाया। इस दौरान उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 75 और 77 रन की पारी खेली। पाकिस्तान के खिलाफ 122 रन की पारी खेली और इसके बाद युवराज ने साल 2007 में बेंगलुरु में पाकिस्तान के खिलाफ 169 रन की पारी भी खेली ।

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